नफरत भरे संदेश फैलाने वालों की जानकारी देने वालों को दिल्ली सरकार 10 हजार रुपये नगद इनाम देगी. मंगलवार 3 मार्च को दिल्ली विधानसभा की एक कमेटी में यह फैसला लिया. दिल्ली सरकार के मुताबिक, ट्विटर, फेसबुक, व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर समुदायों के बीच नफरत और धार्मिक उन्माद फैलाकर माहौल खराब करने वाले लोगों की जानकारी दिल्ली सरकार को व्हॉट्सएप या ईमेल के माध्यम से दी जा सकती है.
मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में इस कमेटी की एक अहम बैठक हुई. बैठक में शामिल ग्रेटर कैलाश से आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा,
“दिल्ली का कोई भी व्यक्ति 89500 00946 नंबर पर व्हॉट्सएप मैसेज करके नफरत भरे मैसेज की जानकारी दे सकता है. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने नफरत भरे मैसेज फैलाने वाले लोगों की शिकायत के लिए एक ईमेल आईडी भी जारी की है.”
सौरभ भारद्वाज कहा, "दिल्ली सरकार अपने इस अभियान का ज्यादा से ज्यादा प्रचार करेगी ताकि अधिक से अधिक लोग इस विषय में जान सके और नफरत फैलाने वाले संदेशों की शिकायत दिल्ली सरकार तक भेज सकें."
नफरत भरे मैसेजेस की जांच करने के लिए दिल्ली सरकार कानून के जानकारों की मदद लेगी. इस कार्य के लिए दिल्ली सरकार कानूनविदों की एक विशेष टीम का गठन कर रही है. शिकायत सही पाए जाने पर इन मैसेजेस को दिल्ली पुलिस के पास भेजा जाएगा.
सौरभ भारद्वाज ने कहा,
“हमारे पास जो भी शिकायतें आएंगी, अगर उन शिकायतों पर एफआईआर दर्ज होगी तो शिकायत करने वाले को 10,000 रुपये की रिवॉर्ड राशि दी जाएगी.”
‘पीस एंड हारमनी कमेटी’ का गठन
दिल्ली विधानसभा में 2 मार्च को इस नई कमेटी का गठन किया गया था. कमेटी का नाम 'कमेटी ऑफ पीस एंड हारमनी' है. विधानसभा की यह कमेटी धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने वाले लोगों और फेसबुक व्हाट्सएप, ट्विटर के माध्यम से फैलाए जा रहे नफरत भरे संदेशों की पहचान करेगी.
नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वाले संदेशों की जांच करके आगे की कार्यवाही के लिए ऐसे मैसेजेस को शिकायत के तौर पर पर पुलिस के पास भेजा जाएगा.
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा,
“जो नफरत फैलाने वाले मैसेज का स्क्रीनशॉट लेकर हमारी विधानसभा समिति को भेजेगा, उस पर समिति जांच करेगी. यदि पाया जाता है कि क्राइम बन रहा है तो उसको लॉ एंड एन्फोर्समेंट ऐजेंसी को भेजा जाएगा ताकि नफरत फैलाने वाले मैसेज को भेजने वाले व्यक्ति पर मुकदमा किया जा सके.”
भारद्वाज ने कहा कि "कमेटी की बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि आखिर ऐसे कौन से कारण है, जिससे देशभर में और दिल्ली में दंगा-फसाद हो रहे हैं. बहुत सारे मामलों में ऐसा देखा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर नफरत फैलाने वाले फेक मैसेज भेजे जाते हैं, जिन्हें लोग सच मान लेते हैं और जिसकी वजह से समाज में एक-दूसरे के प्रति नफरत की भावना बढ़ रही है."
नफरत फैलाने वाले मैसेज को ट्विटर पर रीट्वीट, व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड या फेसबुक पर कोई शेयर भी करता है तो इससे उस व्यक्ति को तीन साल कैद की सजा हो सकती है. केजरीवाल सरकार द्वारा गठित यह कमेटी इन तथ्यों को अब रेडियो, अखबार और मीडिया के माध्यम से पूरी दिल्ली में प्रचारित करेगी.
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