बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच का एक आदेश सार्वजनिक होने के बाद न केवल राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है, बल्कि इसे लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म हो गया है. वहीं इस मामले पर पुलिस अधिकारी मौन हैं. कहा जा रहा है कि स्पेशल ब्रांच ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), उससे जुड़े संगठनों और उसके अधिकारियों की जानकारी जुटाने का आदेश जारी किया था. यह आदेश इस साल 28 मई को सभी क्षेत्रीय पुलिस उप-अधीक्षक, स्पेशल ब्रांच और सभी जिला स्पेशल ब्रांच के पदाधिकारियों को जारी किया गया था.
आदेश में इन संगठनों के पदाधिकारियों के नाम और पते की जानकारी एक हफ्ते के अंदर देने को कहा गया था. इस आदेश पत्र को ‘अतिआवश्यक’ बताया गया था.
स्पेशल ब्रांच की ओर से जारी आदेश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, हिंदू जागरण समिति, धर्म जागरण समन्वय समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिंदू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति, शिक्षा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वेदशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिंदू महासभा, हिंदू युवा वाहिनी, हिंदू पुत्र संगठन के पदाधिकारियों का नाम और पता मांगा गया था.
इस आदेश की कॉपी सार्वजनिक होने पर पुलिस अधिकारियों के अलावा बिहार में बीजेपी के साथ सत्तारूढ़ जेडीयू के नेता भी कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने इस मामले पर कहा, "मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं पार्टी का छोटा कार्यकर्ता हूं. यह मुझे नहीं मालूम." वहीं बीजेपी के नेता और मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि आरएसएस सामाजिक दायित्वों को निभाने वाला संगठन है.
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