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दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड शुरू, उत्तर बिहार और पटना के लिए बड़ी राहत

मरीजों को बिना जाम के एम्स पहुंचाने में रामबाण साबित होगा पुल

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छपरा, मुजफ्फरपुर, वैशाली के साथ-साथ बिहार के सभी पश्चिमोत्तर जिलों के लाखों लोगों को इलाज कराने के लिए एम्स जाने का रास्ता आसान हो गया है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीघा एम्स एलिवेटेड रोड का उद्घाटन किया. इस पुल के खुल जाने से एम्स आने वाले मरीजों की मुश्किल तो कम होगी ही, पटना के अंदर जाम की समस्या भी थोड़ी कम होगी.

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मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा पुल

ये पुल नहीं बना था तो उत्तर बिहार के कई जिलों जैसे कि मुजफ्फरपुर, छपरा, वैशाली, चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, के लाखों लोगों को पटना के एम्स में इलाज कराने के लिए पटना आने के क्रम में भीषण जाम का सामना करना पड़ता था. लेकिन इस पुल के बन जाने से उन्हें पटना शहर के जाम से निजात मिल जाएगी और वो बगैर जाम में फंसे उत्तर बिहार के किसी भी शहर से पटना के एम्स आराम से पहुंच जाएंगे. मुजफ्फरपुर से पटना 90 किलोमीटर है और इस पुल के बनने से पहले मुजफ्फरपुर के लोग पटना आते थे तो उन्हें चार घंटे से पांच घंटे का समय लगता था. लेकिन अब मुजफ्फरपुर से आने वाले लोगों का कम से कम दो घंटे का समय बचेगा.

कई बार ऐसा होता था कि मुजफ्फरपुर या छपरा के मरीज शहर में जाम की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ दिया करते थे, लेकिन अब उस समस्या से उत्तर बिहार के लोगों को काफी हद तक निजात मिल गई है.

छपरा के लोगों की 2 घंटे की बचत

इसी तरह अगर छपरा की बात की जाए तो छपरा पटना से 60 किलोमीटर है. इस पुल के बनने से पहले लोगों को पटना के एम्स पहुंचने में कम से कम 2 घंटे का समय लगता था और ये भी तब होता था जब उन्हें पटना में जाम का सामना नहीं करना पड़ता था, लेकिन अगर जाम में फंस गए तो कई घंटे लग जाते थे. अब इस पुल के बनने के बाद लोगों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा और कम से कम उनकी 2 घंटे की बचत होगी. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि एम्स जाने के लिए पहले लोगों को दीघा सोनपुर ब्रिज से उतर कर शहर में जाना पड़ता था, लेकिन अब पुल बन जाने से सीधे एम्स पहुंचेंगे.

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इस पुल के बन जाने से न सिर्फ उत्तर बिहार के लोगों को बल्कि पटना के लोगों को भी जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी. चूंकि उत्तर बिहार से आने वाली गाड़ियां शहर से होकर गुजरती थीं. पटना पिछले कई सालों से जाम की समस्या से जूझ रहा है.

जेपी सेतु से आने वाली गाड़ियों को उत्तर बिहार जाने और उत्तर बिहार से नौबतपुर आरा बीटा औरंगाबाद आदि जगहों पर जाने में काफी सहूलियत होगी.

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2013 से बन रहा था पुल, 1298 करोड़ का बजट

जब हमने इस पुल के प्रोजेक्ट मैनेजर शशि रंजन से इस पुल की देरी से बनने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 106 मीटर आरओबी के बनने में काफी बाधाएं आ रही थीं और साथ ही खगोल में जो रेलवे ओवर ब्रिज बन रहा था उसमें कुछ तकनीकी समस्याएं थी. रेलवे से अप्रूवल मिलने में थोड़ी समस्याएं उत्पन्न हो रही थीं, जिस वजह से इस पुल को बनने में समय लग गया.

  • इस पुल का निर्माण 2013 में शुरू हुआ था
  • निर्माण पर 1298 करोड रुपए खर्च हुए हैं
  • इस एलिवेटेड रोड की लंबाई 8.5 किलोमीटर है
  • पुल का निर्माण गैमन इंडिया लिमिटेड ने किया है

शशि रंजन ने बताया कि बेली रोड से भी इस पुल को कनेक्ट करने की बात की जा रही है,और उम्मीद है कि अगले साल बिहार वासियों को एक और सौगात मिलेगी. ऐसा होने पर पटना शहर में जाम की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी.

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