हरियाणा के गुरुग्राम (Gurgaon) में खुले स्थानों पर नमाज (namaz) का विरोध एक बार फिर देखने को मिला. कथित तौर पर हिंदू समूहों से जुड़े सदस्यों ने मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोकने के लिए सेक्टर 12A में एक साइट पर कब्जा कर लिया और कहा कि यहां वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार मैदान पर कब्जा करने वालों में से एक परमिला चाहर ने कहा, "हम यहां चुपचाप बैठे हैं ... लेकिन नमाज की अनुमति नहीं देंगे. हम यहां एक गेम खेलने की योजना बनाएंगे." जबकि वीर यादव नामक युवक ने कहा कि "हम यहां नेट लगाएंगे... यहां वॉलीबॉल कोर्ट बनाएंगे (और) बच्चे खेलेंगे. नमाज की अनुमति नहीं देंगे, चाहे कुछ भी हो."
पिछले कई हफ्तों से गुड़गांव की इस जगह और अन्य साइट पर विरोध और धमकी भरे प्रदर्शन का सामना करने वाले मुस्लिम संगठनों ने कहा है कि वो फिलहाल इस साइट पर नमाज अदा नहीं करेंगे.
नमाज वाले स्थल पर हुई थी गोवर्धन पूजा
दिवाली के एक दिन बाद 5 नवंबर को दुर्गा वाहिनी से जुड़ी महिलाओं के एक समूह ने गोवर्धन पहाड़ उठाते भगवान कृष्ण की प्रतिकृति को इस खुले स्थान के एक कोने में बनाया था. गाय के गोबर से बनी यह प्रतिकृति ठीक उसी जगह पर थी जहां मुसलमान जुमे की नमाज अदा करते थे.
नमाज के इस विरोध को राजनीतिक समर्थन भी मिला है. बीजेपी के नेताओं जैसे कपिल मिश्रा और सूरज पाल अमू ने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र जैन के साथ इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी.
पिछले हफ्ते का कार्यक्रम संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति (एसएचएसएस) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू क्रांति दल, आर्य समाज, दुर्गा वाहिनी और सनातन धर्म जैसे 22 हिंदू दक्षिणपंथी संगठन शामिल थें.
पिछले सप्ताह, 5 नवंबर की पूजा के बाद, साइट पर गोबर के उपलों की कतारें फैली हुई थीं और 12 नवंबर को भी ये ऐसे रहा.
2018 में हुआ था समझौता, फिर से शुरू हुआ विवाद
2018 में इसी तरह की झड़पों के बाद हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक समझौते हुआ जिसमें नमाज अदा करने के लिए 29 "नामित" किये गए, जिसमें सेक्टर 12 ए का यह साइट भी शामिल थी.
2 नवंबर तक गुरुग्राम में ऐसे 37 नामित स्थल थे लेकिन कुछ स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद गुरुग्राम प्रशासन ने आठ स्थलों पर नमाज अदा करने की अनुमति वापस ले ली.
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