IIT कानपुर के 55 वर्षीय वरिष्ठ प्रोफेसर को स्टेज पर ही दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई. घटना के समय प्रोफेसर समीर खांडेकर आईआईटी कानपुर सभागार में एक पूर्व छात्र सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. दिल का दौरा पड़ने से पहले खांडेकर अच्छी हेल्थ को बनाए रखने पर बात कर रहे थे. उनका अंतिम शब्द था "अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें."
इतना बोलने के बाद प्रोफेसर को अचानक बेचैनी महसूस हुई और उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ. कुछ देर बाद उन्हें बहुत पसीना आने लगा और वह मंच पर ही गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
डॉ. नीरज कुमार ने इंडिया टुडे को बताया कि अस्पताल लाए जाने से पहले ही खांडेकर की मौत हो चुकी थी. उन्होंने कहा...
"उनके मेडिकल इतिहास को देखने और उनकी जांच करने के बाद, हम कह सकते हैं कि उनकी मृत्यु या तो कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक ब्लॉक के कारण हुई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट हो जाएगा"
खांडेकर 2019 से कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित थे और उनकी लगातार दवा चल रही थी. उनके बेटे प्रवाह खांडेकर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं, वे अपने पिता का अंतिम संस्कार करेंगे. प्रोफेसर के परिवार में उनके परिवार में माता-पिता, पत्नी और बेटा है.
एमपी में हुआ था प्रोफेसर का जन्म
मध्य प्रदेश के जबलपुर में जन्मे खांडेकर ने आईआईटी कानपुर से बी.टेक किया और पीएचडी के लिए वह जर्मनी चले गए. वह 2004 में सहायक प्रोफेसर के रूप में IIT कानपुर में पढ़ाया. जिसके बाद उन्हें मैकेनिकल विभाग के विभाग प्रमुख और छात्र कल्याण डीन के रूप में नियुक्त किया गया. उनके नाम आठ पेटेंट भी हैं.
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