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‘परीक्षा पर चर्चा’ में दलित छात्रों को अलग बिठाया? अब होगी जांच

सोशल मीडिया में मामले का खुलासा होने पर दिये गए जांच के आदेश

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राज्य
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बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के दौरान कुल्लू के एक सरकारी स्कूल के दलित छात्रों को अलग से बैठाए जाने को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोमवार को जांच के आदेश दिए. प्रदेश सरकार ने सोशल मीडिया की रिपोर्ट से मामले का संज्ञान लिया है. प्रधानमंत्री के 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली में किया गया था, जिसका लाइव प्रसारण पूरे देश में किया गया.

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सीएम ने मांगी रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मामले पर रिपोर्ट मांगी है -

“मैंने सोशल मीडिया की रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है और मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं. सोमवार सुबह पुलिस, शिक्षा और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की एक टीम गठित की गई और स्कूल का दौरा करने के लिए कहा गया.”
यूनुस खान, उप-आयुक्त, कुल्लू 
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स्कूल के जिले के दूर-दराज इलाके में स्थित होने के वजह से अधिकारियों के मंगलवार को कुल्लू मुख्यालय लौटने और रिपोर्ट जमा करने की संभावना है. यूनुस खान ने बताया कि स्कूल के हेडमास्टर राजन भारद्वाज को ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "हेडमास्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पहले ही शुरू हो चुकी है और अगर जरूरत हुई तो उनकी आपराधिक जवाबदेही तय की जाएगी."

अनाम छात्रों की ओर से हाथ से लिखी गई एक गुमनाम शिकायत सोशल मीडिया पर चल रही है, जिसमें कहा गया है कि चेस्ठा की ग्राम पंचायत ने मोदी के कार्यक्रम को देखने के लिए स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के घर पर व्यवस्था की थी. छात्रों ने लिखा है कि एक शिक्षक ने उन्हें घोड़ों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कमरे के बाहर एक जगह पर बैठने को मजबूर किया, जहां एक टीवी लगाया गया था.  

अपनी शिकायत में उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें स्कूल में मिड डे मील के दौरान भी 'जाति भेद' का सामना करना पड़ता है. हालांकि उप-आयुक्त ने कहा कि उन्हें इस बारे में किसी छात्र या माता-पिता से कोई शिकायत नहीं मिली है. बता दें कि मोदी ने 16 फरवरी को देश भर के छात्रों को तनाव मुक्त होकर परीक्षा से निपटने के गुर सिखाए थे.

(इनपुट: IANS)

(क्विंट और बिटगिविंग ने मिलकर 8 महीने की रेप पीड़ित बच्ची के लिए एक क्राउडफंडिंग कैंपेन लॉन्च किया है. 28 जनवरी 2018 को बच्ची का रेप किया गया था. उसे हमने छुटकी नाम दिया है. जब घर में कोई नहीं था,तब 28 साल के चचेरे भाई ने ही छुटकी के साथ रेप किया. तीन  सर्जरी के बाद छुटकी को एम्स से छुट्टी मिल गई है लेकिन उसे अभी और इलाज की जरूरत है ताकि वो पूरी तरह ठीक हो सके. छुटकी के माता-पिता की आमदनी काफी कम है, साथ ही उन्होंने काम पर जाना भी फिलहाल छोड़ रखा है ताकि उसकी देखभाल कर सकें. आप छुटकी के इलाज के खर्च और उसका आने वाला कल संवारने में मदद कर सकते हैं. आपकी छोटी मदद भी बड़ी समझिए. डोनेशन के लिए यहां क्लिक करें.)

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