बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने IRCTC होटल आवंटन भ्रष्टाचार मामले में 9 घंटे तक पूछताछ की. मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में तेजस्वी सोमवार को ईडी के सामने पेश हुए थे. वे पिछले चार बार से ईडी के समन के बावजूद पेश नहीं हो रहे थे.
दूसरी बार पेश हुए ईडी के सामने
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सुबह 11 बजे के करीब प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर पहुंचे. रात आठ बजे तक उनसे रेलवे होटल आवंटन भ्रष्टाचार मामले में पूछताछ हुई. इस मामले में जांच अधिकारियों ने उनके बयान दर्ज किए.
इस मामले में यह दूसरा मौका है, जब केंद्रीय जांच एजेंसी ने तेजस्वी से पूछताछ की. इससे पहले ईडी ने 10 अक्टूबर को उनसे पूछताछ की थी. उस समय भी तेजस्वी से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी.
उसके बाद से तेजस्वी चार मौकों पर पूछताछ के लिये पेश नहीं हुए और नए समन के बाद सोमवार को एजेंसी के सामने पेश हुए.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज
केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने लालू प्रसाद, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ कुछ समय पहले मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कानून (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था. तेजस्वी की मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अब तक कम से कम 6 बार ईडी के समन की अनदेखी कर चुकी हैं.
जुलाई में सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और उनकी कई संपत्तियों पर छापेमारी की थी. सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि लालू प्रसाद ने बतौर रेल मंत्री अपने कार्यकाल के दौरान IRCTC के दो होटलों के रख-रखाव का काम 2004 में एक कंपनी को दिया था.
एफआईआर के मुताबिक, इसके बदले उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के स्वामित्व वाली कंपनी से बेनामी के जरिये पटना में बेशकीमती जमीन घूस के तौर पर ली थी.
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने उनके परिवार के सदस्य और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने भी हाल ही में इस मामले में तेजस्वी और लालू प्रसाद के बयान दर्ज किये थे.
(इनपुटः PTI से)
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