ADVERTISEMENTREMOVE AD

झारखंड: पहले फेज में 62.87% वोटिंग, BJP पर ‘बूथ कैप्चरिंग’ का आरोप

बीजेपी पर ‘बूथ कैप्चरिंग’ का आरोप

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शनिवार को 13 सीटों पर 62.87 फीसदी वोट पड़े. सबसे ज्यादा वोटिंग गुमला विधानसभा 67.30% और सबसे कम चतरा विधानसभा 56.59% में हुई. पहले फेज की वोटिंग में दिव्यांग और बुजुर्गों मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर वोट डाले.

झारखंड में वोटिंग के दौरान कुछ क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं के भिड़ने और बम धमाके की भी खबर है. डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. वहीं गुमला जिले में नक्सलियों ने एक पुल पर धमाका कर दिया. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पहले फेज में 13 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत

  1. चतरा- 56.59%
  2. गुमला- 67.30%
  3. बिशुनपुर- 67.04%
  4. लोहरदगा- 64.16%
  5. मनिका- 57.61%
  6. लातेहार- 61.26%
  7. डाल्टनगंज- 63.90%
  8. पनकी- 61.10%
  9. बिश्रामपुर- 61.60%
  10. छतरपुर- 62.30%
  11. हुसैनाबाद- 60.90%
  12. गढ़वा- 66.04%
  13. भवनाथपुर- 65.52%

बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ता भिड़े, निकाली पिस्तौल

झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान पलामू जिले के डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र के चैनपुर प्रखंड के कोशियारा मतदान केंद्र पर कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. आरोप है कि कांग्रेस प्रत्याशी केएन. त्रिपाठी के काफिले पर बीजेपी प्रत्याशी आलोक चौरसिया के समर्थकों ने पथराव किया. इसके बाद त्रिपाठी को अपनी पिस्तौल निकालनी पड़ी.

पुलिस के मुताबिक, "चैनपुर के कोशियारा में अपग्रेडेड मिडिल स्कूल के मतदान केंद्र संख्या 72 और 73 पर कांग्रेस के उम्मीदवार त्रिपाठी पहुंचे थे. लेकिन चौरसिया के समर्थकों ने उन्हें मतदान केंद्र में घुसने से रोक दिया. आरोप है कि चौरसिया समर्थकों ने त्रिपाठी को चारों तरफ से घेर लिया और उनके समर्थकों के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया. बाद में, त्रिपाठी ने भीड़ के गुस्से से बचने के लिए पिस्तौल निकाल ली." जिस इलाके में ये घटना हुई है, वह बीजेपी उम्मीदवार आलोक चौरसिया का गढ़ माना जाता है.

बीजेपी पर 'बूथ कैप्चरिंग' का आरोप

पिस्तौल निकाले जाने के बाद चौरसिया के समर्थक और उग्र हो गए और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मंत्री को दूर तक खदेड़ दिया. साथ काफिले पर पथराव करते हुए तीन वाहनों के शीशे तोड़ दिए. इस दौरान हालांकि त्रिपाठी के सुरक्षागार्ड उन्हें किसी तरह भीड़ के आक्रोश से बचाने में सफल रहे.

कांग्रेस नेता के.एन. त्रिपाठी ने कहा, "चौरसिया समर्थकों ने मुझ पर जानलेवा हमला किया. उन्होंने मेरी फॉरच्यूनर गाड़ी पर तोड़-फोड़ की. मैं किसी तरह निकल पाने में कामयाब रहा. मैंने चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बताया था. सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों ने 'बूथ कैप्चरिंग' सुनिश्चित करने के लिए बूथों पर सिर्फ होमगार्ड तैनात किए. प्रशासन ने सत्तारूढ़ पार्टी को मेरे निर्वाचन क्षेत्र के कम से कम आठ बूथों पर कब्जा करने में मदद की."

कांग्रेस पर मतदाताओं को डराने का आरोप

दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवार मतदाताओं को डराने के लिए हथियार लहरा रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा, "लगता है कांग्रेस का लोकतंत्र में नहीं 'बन्दूकतन्त्र' पर भरोसा है. हम भारत के चुनाव आयोग से उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं."

इस बीच, सूत्रों के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग ने इस घटना का संज्ञान लिया है और इस संबंध में पलामू जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×