झारखंड में कोविड 19 का तीसरा कन्फर्म केस सामने आया है. बोकारो की एक महिला को पॉजिटिव पाया गया है. ये महिला बांग्लादेश से लौटी है. महिला जिस ग्रुप में थी, उसमें तीन दंपत्ति थे. इन सभी को क्वॉरन्टीन किया गया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नितिन मदन कुलकर्णी ने ये जानकारी दी है.
राज्य में अब तक 775 लोगों की जांच गई है. इनमें से तीन लोगों को पॉजिटिव पाया गया है जबकि 574 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. झारखंड सरकार के मुताबिक 4 अप्रैल तक राज्य में करीब 15 हजार लोगों को क्वॉरन्टीन और करीब 1.36 लाख लोगों को होम क्वॉरन्टीन किया गया है.
झारखंड के पहले दो केस
झारखंड में पहला केस भी एक महिला का था. ये महिला मलेशिया की नागरिक है. उन्होंने दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी मरकज में हिस्सा लिया था. इस केस के सामने आऩे के बाद राज्य हड़कंप मच गया क्योंकि महिला के ग्रुप में कुल 46 लोग थे. इन सभी पर क्वॉरन्टीन या होम क्वॉरन्टीन किया गया है. हिंद पीढ़ी में जिस जगह ये महिला रह रही थी, उस पूरे इलाके को सील किया गया. यहां करीब 7000 लोगों की जांच की गई है. ये भी पता चला कि इस महिला के संपर्क में जमशेदपुर का एक पूरा परिवार आया था, उन्हें भी क्वॉरन्टीन किया गया है. झारखंड में तबीलीग मरकज से संबंधित केस आने के बाद राज्य भर की मस्जिदों में जांच की गई है और संदिग्धों को आइसोलेट किया गया है.
इस बीच स्थानीय अखबार प्रभात खबर के मुताबिक रांची के रिम्स में कोविड -19 के एक संदिग्ध की मौत हुई है, हालांकि अभी रिपोर्ट का इंतजार है.
झारखंड का दूसरा केस हजारीबाग से सामने आया. इसमें एक मोटिया मजदूर लॉकडाउन के बाद पैदल ही झारखंड में अपने गांव चल पड़ा. रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ी. घर से महज आठ किलोमीटर दूर पहुंचने पर उसने अपने घरवालों को फोन किया. तब उसके बेटे ने उसे आकर रिसीव किया और अस्पताल में भर्ती कराया. ये मजदूर हजारीबाग के विष्णुगढ़ के करगल्लो गांव का रहने वाला है. इस गांव में लोगों की सघन जांच की जा रही है.
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