केरल (Kerala) की एक अदालत ने शुक्रवार, 14 जनवरी को जालंधर डायोसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल (Bishop Franco Mulakkal) को 44 साल की नन से बलात्कार के आरोप में बरी कर दिया है.
फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 2014 और 2016 के बीच कुरुविलंगड, कोट्टायम में मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट की नन के साथ बलात्कार किया था.
फैसला सुनाए जाने से पहले कोट्टायम अतिरिक्त सत्र न्यायालय के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया था.
इस मामले में मुकदमा नवंबर 2019 में शुरू हुआ था और 10 जनवरी, 2022 को सुनवाई पूरी ह चुकी थी.
मामले में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2014 और 2016 के बीच कॉन्वेंट में अपनी यात्रा के दौरान फ्रैंको ने उनके साथ 13 बार बलात्कार किया था.
21 सितंबर 2018 को वहां पांच नन ने मिल कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था तब जा कर कहीं बिशप को बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बिशप को 16 अक्टूबर 2018 को जमानत दे दी गई थी लेकिन 13 जुलाई 2020 को उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी क्योंकि वह कई सुनवाई में उपस्थित नहीं हो पाए थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)