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Qलखनऊ: अखिलेश का योगी सरकार पर वार, अरुण सिंह ने भरा नामांकन  

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BJP राज में बेटियां असुरक्षित, योगी सरकार को सत्ता में रहने का हक नहींः अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा कि बीजेपी राज में महिलाएं और बेटियां खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं. हालात ठीक नहीं कर पा रही योगी सरकार को अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है. सीतापुर और आजमगढ़ में बच्चियों से दुष्कर्म के मामले गिनाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के अनेक जिलों में रेप और यौन हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. अखिलेश ने कहा कि आज हालात ये हैं कि महिलाएं और बेटियां घर से बाहर निकलें, पढ़ने जाएं, किसी समारोह में जाएं या अपनी नौकरी पर जाएं, उनके लिए असुरक्षा का भय आतंक बनकर साथ चलता है.

उन्होंने कहा कि हर दिन रेप और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने पर करोड़ों का बजट खर्च करने वाली सरकार अगर सुरक्षित व्यवस्था नहीं बना सकती तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं. 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के कथित प्रचारक सत्ता में रहते हुए भी अमानवीय घटनाओं पर रोक लगाने में विफल हैं. अभियोजन पक्ष तो और भी कमजोर है जिसका अपराधी फायदा उठाते हैं. इसमें सत्ता पक्ष की नीतियां भी दोषी हैं. अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में मैनपुरी नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध हालात में मौत, सीतापुर और आजमगढ़ में बच्चियों से दुष्कर्म और कुछ अन्य वारदात का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के अनेक जिलों में ऐसी ही घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं.

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अरुण सिंह ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की खाली हुई सीट के लिए बीजेपी उम्मीदवार अरुण सिंह ने सोमवार को विधानसभा में अपना नामांकन किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और दोनों उपमुख्यमंत्री मौजूद रहे. राज्यसभा की इस सीट के लिए मतदान 12 दिसंबर को होगा और शाम को नतीजा घोषित किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने जिस सीट के लिए पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया, यह एसपी की राज्यसभा सदस्य डॉ़ तजीन फातमा के इस्तीफे से खाली हुई है. तजीन फातमा समाजवादी पार्टी से सांसद मोहम्मद आजम खां की पत्नी हैं, जो उनकी छोड़ी हुई रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में विधायक चुनी गई हैं.
नामांकन से पहले अरुण सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर भेंट की. मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, "लंबे समय तक बीजेपी के संगठन में मैंने काम किया है. पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी है, उसको पूरी निष्ठा, ईमानदारी के साथ निभाया है. अब पार्टी ने मुझे राज्यसभा की जिम्मेदारी दी है. उस पर भी पूरी तरह से खरा उतरने की कोशिश करूंगा. जनता और आम लोगों के लिए भी अब काम करूंगा."

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राज्यसभा की इस सीट पर नामांकन का सोमवार अंतिम दिन था. तीन दिसंबर तक नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि पांच दिसंबर को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि है. किसी भी अन्य दल की ओर से किसी भी प्रत्याशी के मैदान में न उतरने के कारण बीजेपी के अरुण सिंह का राज्यसभा में जाना तय है.

अरुण सिंह उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के वैधा गांव के रहने वाले हैं. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भारतीय जनता युवा मोर्चा से की थी. वर्तमान में वह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं.

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मैनपुरी छात्रा मौत मामले की जांच के आदेश, SSP का ट्रांसफर

मैनपुरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) में एक छात्रा की संदिग्ध मौत के मामले की जांच में देरी के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय का ट्रांसफर कर दिया है. रविवार रात जारी आदेश में शामली जिले के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार को मैनपुरी का नया एसएसपी नियुक्त किया गया है.
राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए कानपुर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) भी गठित की है. इसके अलावा टीम में मैनपुरी के नए एसपी अजय कुमार और एसटीएफ के डीएसपी श्याम कांत शामिल हैं. सीबीआई के पास जाने तक मामले की जांच एसआईटी करेगी.

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अविनाश अवस्थी ने कहा कि सीबीआई को भी एक रिमाइंडर भेज दिया गया है. सरकार ने 27 नवंबर को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को आश्वासन दिया था कि सीबीआई टीम जल्द मैनपुरी पहुंचेगी.

बता दें कि 16 सितंबर को मैनपुरी स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के हॉस्टल में 11वीं की एक छात्रा अपने कमरे में मृत मिली थी. पुलिस ने कहा कि छात्रा का शव हॉस्टल में उसके कमरे के पंखे से लटका मिला था. छात्रा के परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर छात्रा को बुरी तरह पीटने और उसके बाद उसकी हत्या करने का आरोप लगाया था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था. समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने भी रविवार को यह मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सामने रखा था.

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डाक अधिकारियों ने मांगी 100 रुपये घूस, CBI ने दर्ज की FIR

बड़े-बड़े घोटालों की छानबीन करने वाली केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एक कमिशन एजेंट से 100 रुपये घूस मांगने के आरोप में डाक विभाग के दो अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया. जांच एजेंसी ने एजेंट के पति की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि डाक अधीक्षक संतोष कुमार सरोज और डाक सहायक सूरज मिश्रा प्रत्येक बीस हजार रुपये जमा करने पर 100 रुपये रिश्वत की मांग करते हैं. सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारे लिए कोई बड़ा या छोटा मामला नहीं होता. हम सभी मामलों से एक समान रूप से निपटते हैं.’ शिकायतकर्ता ने कहा कि उनकी पत्नी गांवों से डाक विभाग के बचत खाते के लिए रकम एकत्र करती हैं और कुंडा, प्रतापगढ़ के उप डाकघर में जमा रकम को सुपुर्द कर देती हैं और वह भी इस काम में उनकी मदद करते हैं.

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब वह रकम जमा करने गए थे तो दोनों डाक अधिकारियों ने रकम जमा करने के बदले सुविधा शुल्क के नाम पर 25 और 26 नवंबर को 500 रुपये और 300 रुपये लिए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ने प्रत्येक 20,000 रुपये जमा करने पर 100 रुपये देने या काम रोक देने को कहा. पैसे नहीं देने पर उनका काम रोकने और गड़बड़ी करने के लिए भी धमकाया था.

सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि शिकायत के आधार पर जाल बिछाया गया और आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया. प्रवक्ता ने कहा कि सीबीआई को जनता की शिकायत पर हस्तक्षेप करना पड़ा जहां गरीब ग्रामीणों को डाकखाने में अपना ही पैसा जमा करने पर रिश्वत देनी पड़ रही थी.

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मेडिकल कॉलेज के लिए धरने पर बैठा दूल्हा!

उत्तर प्रदेश में महोबा के बाशिंदे उस समय भौचक रह गए, जब एक दूल्हा घोड़ी से उतर कर मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर अनशनरत युवाओं के साथ जा बैठा. महोबा के आल्हा चौक पर पिछले 10 दिनों से 'सत्यमेव जयते' नामक संगठन से जुड़े कुछ युवा कार्यकर्ता जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग को लेकर अनशनरत थे. रविवार शाम कुरारा कस्बे से महोबा शहर बारात आई थी. जब 11 बजे रात को घोड़ी चढ़ा दूल्हा अरविंद कन्या पक्ष के दरवाजे द्वारचार की रस्म के लिए अनशन स्थल से गुजरा तो उससे रहा न गया और वह घोड़ी से उतर कर कुछ देर के लिए अनशनरत युवाओं के साथ बैठ गया. इस बीच बाराती भी ठहर गए. इस दौरान दूल्हे ने कहा कि "जब मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हो चुका था, फिर अब उसे निरस्त करने का क्या औचित्य है."

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योगी सरकार ने प्रदेश में 14 मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने को हरी झंडी दी है, जिनमें महोबा भी शामिल है. लेकिन जिला अस्पताल में 200 बेड की व्यवस्था न होने के कारण अब मामला लटका हुआ है.

अनशन की अगुआई कर रहे 'सत्यमेव जयते' संगठन के अध्यक्ष विकास यादव ने सोमवार को बताया कि "दूल्हे के धरने पर बैठने के बाद जिलाधिकारी अवधेश कुमार तिवारी ने 20 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री से मुलाकात करवाने का आश्वासन देकर अनशन खत्म करवा दिया है.

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