यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में रविवार को हजारों टीचर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए. लखनऊ में रविवार को 69000 कैंडिडेट्स भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में पहुंच गए और पार्टी ऑफिस के अंदर ही उन्होंने धरना प्रदर्शन किया. बाद में किसी तरह पुलिस ने आकर मामला संभाला और उन्हें बाहर निकाला गया. इन कैंडिडेट की मांग है कि टीचर भर्ती में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लागू किया जाए.
क्या है पूरा मामला?
यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग ने 2020 में 69000 अध्यापकों की भर्ती की थी, उनमें से जो लोग आरक्षित ग्रुप से आते हैं उनका आरोप है कि आरक्षण में घोटाला हुआ है. आरोप है कि ओबीसी वर्ग की भर्ती में 27 फीसदी की जगह 4 फीसदी आरक्षण दिया गया. इसी सिलसिले में जांच की मांग लगातार हो रही है.
कैंडिडेट का कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी जो रिपोर्ट सरकार को भेजी है उसके अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 6 हजार सीटों पर आरक्षण में गड़बड़ी हुई है, रिपोर्ट में कहा गया है कि OBC वर्ग को 21 प्रतिशत आरक्षण नही मिला और उन्हें अपने कोटे की 18598 सीट में से केवल 2637 सीट ही दी गई हैं.
कैंडिडेट ने की थी इच्छामृत्यु की मांग
बता दें कि इसी साल जून में आरक्षण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति और राज्यपाल को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग भी की थी. उसमें 55 अभ्यर्थियों ने अपने साइन करके इच्छामृत्यु का पत्र भेजा था, जिसमें 14 महिलाएं भी शामिल थी.
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