मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 जुलाई को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है. यह उनके मंत्रिमंडल का पहला विस्तार है, जिसमें 20 विधायकों को कैबिनेट मंत्री, जबकि 8 को राज्य मंत्री के तौर पर शामिल किया गया है.
इन विधायकों को मिली विस्तार में जगह
- गोपाल भार्गव (कैबिनेट)
- विजय शाह (कैबिनेट)
- जगदीश देवड़ा (कैबिनेट)
- प्रेम सिंह पटेल (कैबिनेट)
- यशोधरा राजे (कैबिनेट)
- भूपेन्द्र सिंह (कैबिनेट)
- अरविंद सिंह भदोरिया (कैबिनेट)
- एदल सिंह कंसाना (कैबिनेट)
- ओपी सकलेचा (कैबिनेट मंत्री)
- बृजेंद्र प्रताप सिंह (कैबिनेट मंत्री)
- विश्वास सारंग (कैबिनेट मंत्री)
- ऊषा ठाकुर (कैबिनेट मंत्री)
- मोहन यादव (कैबिनेट मंत्री)
- राजवर्धन दत्तीगांव (कैबिनेट)
- प्रभुराम चौधरी (कैबिनेट)
- इमरती देवी (कैबिनेट)
- प्रद्युम्न सिंह तोमर (कैबिनेट)
- महेंद्र सिसोदिया (कैबिनेट)
- हरदीपसिंह डांग (कैबिनेट मंत्री)
- बिसाहू लाल सिंह (कैबिनेट)
- भारत सिंह कुशवाह (राज्य मंत्री)
- इंदर सिंह परमार (राज्य मंत्री)
- रामखिलावन पटेल (राज्य मंत्री)
- रामकिशोर कांवरे (राज्य मंत्री)
- बृजेन्द्र यादव (राज्य मंत्री)
- सुरेश धाकड़ (राज्य मंत्री)
- ओपी भदौरिया (राज्य मंत्री)
- गिरिराज दंडोतिया (राज्य मंत्री)
2 जुलाई को राजभवन में मंत्री परिषद शपथ ग्रहण समारोह के दौरान, कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी वहां पहुंचे.
बता दें कि शिवराज ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी और कोरोना वायरस महामारी के बीच उन्होंने 29 दिन तक अकेले ही सरकार चलाई. बाद में 21 अप्रैल को पांच सदस्यीय मंत्रिपरिषद का गठन हुआ, जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शामिल हैं.
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