मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां 'मध्यप्रदेश समयबद्ध निर्बाधन (टाइम बॉण्ड) अधिनियम 2020' को मंजूरी दी गई है. इसके तहत नए उद्योगों को 10 विभागों की 40 अनुमतियां एक से 15 दिन में ऑनलाइन मिलेंगी, देरी होने पर प्राधिकारी को दंडित किए जाने का भी प्रावधान किया गया है. आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में 19 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए इस अधिनियम को मंजूरी दी गई.
इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि औद्योगिक निवेश के लिए आवेदन करने वालों को 10 विभागों से संबंधित 40 अनुमतियां या लाइसेंस 15 दिन में मिल जाएगा.
इस समयबद्ध अधिनियम के मुताबिक, 25 अनुमतियां या लाइसेंस एक दिन में, 10 अनुमतियां या लाइसेंस सात दिन में और पांच अनुमतियां व लाइसेंस 15 दिनों में ऑनलाइन प्रदान करना होगा.
इसमें कहा गया है कि समय सीमा में स्वीकृत न होने पर प्राधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल कर प्राप्त आवेदन को पोर्टल स्वमेव जारी कर देगा. इस विधेयक में समय-सीमा में काम नहीं होने पर संबंधित विभाग के अधिकारी को दंडित करने का प्रावधान भी किया गया है.
इससे नए उद्योग लगाने के इच्छुक निवेशकों को सरकारी प्रक्रिया के चलते उलझना नहीं पड़ेगा.
इस अधिनियम से उद्योग, लघु उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योग समूहों या व्यक्तियों को यह सुविधा मिलेगी. राज्य सरकार समय-सीमा में अन्य अनुमतियां या लाइसेंस जारी करने संबंधी प्रावधानों वाले इस अधिनियम विधानसभा में पेश किया जाएगा.
इसी तरह राज्य में फिल्म उद्योग को आकर्षित करने के मकसद से फिल्म पर्यटन नीति को भी मंजूरी दी गई. इसका उद्देश्य फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करना व निजी निवेश को प्रोत्साहित करना है. राज्य में फिल्म की शूटिंग होने पर विशेष अनुदान भी दिया जाएगा.
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