21 जून को मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का 'रिकॉर्ड' बनाया गया. 17 लाख से ज्यादा लोगों का टीकाकरण किया गया, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी ये उपलब्धि दर्ज की गई. लेकिन 21 जून को ही वैक्सीनेशन के दौरान गंभीर खामियों की रिपोर्ट भी सामने आ रही हैं. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 21 जून को ही भोपाल के रहने वाले 13 साल के बच्चे के पिता को मैसेज आया जिसमें दावा किया गया कि उसे वैक्सीन की डोज दे दी गई है.
इस मैसेज में इस बच्चे की उम्र 56 साल बताई गई है. मैसेज में वैक्सीन सर्टिफिकेट का जो लिंक था उसे डाउनलोड करने पर वो डॉक्यूमेंट भी बच्चे के ही लग रहे थे लेकिन उम्र गलत दर्ज की गई थी.
सिर्फ इतना ही नहीं एनडीटीवी की इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे लोगों के नाम भी दिए गए हैं. जिन्हें अंजान लोगों के नाम से वैक्सीनेशन का मैसेज आया है.
रिपोर्ट में एक और उदाहरण रतलाम के रहने वाले टैक्स कंसल्टेंट प्रेम पंड्या का है जिन्होंने वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक किया था लेकिन जा नहीं सके.लेकिन इसके बाद भी उन्हें वैक्सीन लगाए जाने का मैसेज आ गाए. अगले दिन उन्हें वैक्सीन लगाई गई.
वैक्सीन की रिकॉर्ड संख्या पर भी विपक्ष ने उठाए थे सवाल
बता दें कि वैक्सीनेशन के आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण में धांधली होने का आरोप लगाया था. उन्होंने एक दिन 17 लाख और उसके आगे व पीछे के दिनों में कुछ सौ टीके लगने पर सवाल उठाए हैं.कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर ने एक दिन में टीकाकरण की रफ्तार में आई गिरावट पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया था, '' रिकार्ड ऐसे बनता है कि कुछ दिन वैक्सीन मत लगाओ, लोगों को रोककर रखो. फिर पेपर में अपनी फोटो छपवा के विज्ञापन दो, फिर एक साथ वैक्सीन लगवाओ, फिर सोशल मीडिया में वाह वाही करवाओ। एक दिन पहले और एक दिन बाद की संख्या बताती है असली संख्या.''
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