एक साथ ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध के आदेशों के बावजूद तबलीगी जमात की बैठक रखने के विवाद के बीच जमात के निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरह से खाली कर दिया गया है. यह जानकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर दी.
सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा,
चिकित्सा कर्मचारियों की मदद से 36 घंटे के ऑपरेशन के बाद, सुबह 4 बजे तक पूरी इमारत खाली कर दी गई. कुल 2361 व्यक्ति पाए गए, जिनमें से 617 को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और बाकी सभी को क्वारेंटाइन कर दिया गया है.
सिसोदिया ने उन सभी कर्मचारियों को धन्यवाद दिया, जो इस मरकज को खाली कराने में शामिल रहे. तबलीगी आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
क्राइम ब्रांच करेगी मामले की जांच
तबलीगी जमात मरकज पर महामारी अधिनियम के प्रावधानों और आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. क्राइम ब्रांच मरकज प्रमुख के साथ-साथ साद कंधालवी से भी पूछताछ करेगी जिन्होंने संप्रदाय के अनुयायियों की इतनी बड़ी भीड़ को ऐसी स्थिति में एक जगह इकट्ठा किया, जहां कोरोनोवायरस संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा था.
क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने कहा कि यह अब उन लोगों की तलाश करेगा जिन्होंने इस मरकज में भाग लिया और फिर देश के विभिन्न हिस्सों में गए, उनमें से कई लोग ऐसे हैं जो अपने साथ घातक कोरोना संक्रमण ले गए. कई राज्यों ने बताया है कि इन धार्मिक अनुयायियों को पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है.
इसके अलावा, यह उन विदेशियों की भी सूची बनाएगा जो पहले ही अपने देशों के लिए रवाना हो चुके हैं.
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