उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) में विंध्याचल स्थित विंध्यवासिनी मंदिर के विकास के नाम पर वेब पेज और फेसबुक अकाउंट बनाकर लोगों से चंदा मांगने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पकड़ा गया आरोपी जेएनयू एमफिल का पूर्व-छात्र है.
यह विंध्याचल मंदिर की रेकी करने के बाद विकास कार्यों के नाम पर एकाउंट में पैसे मंगा रहा था, आरोपी बिहार का निवासी है.
यह है पूरा मामला-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरीडोर के नाम पर अवैध वसूली करने वाला युवक आखिरकार पकड़ा ही गया. आरोपी युवक जेएनयू एमफिल का पूर्व छात्र पटना निवासी मनीष कुमार निकला.
विंध्यवासिनी मंदिर में बन रहे कॉरीडोर के नाम पर वसूली करने की शिकायत पंडा समाज के महामंत्री भानू पाठक ने की थी, जिस पर पुलिस ने 17 जनवरी को मामला दर्ज किया था.
आरोपी बिहार के पटना के थाना पत्रकारनगर चित्रगुप्त नगर का निवासी है. जब आरोपी मनीष कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया तब उसके पास से 2 मोबाइल और 4 हजार रुपया नगद बरामद किए गए.
आरोपी जेएनयू से एमफिल की पढ़ाई अधूरी छोड़ कर एलएलबी करने के बाद पटना में प्रैक्टिस कर रहा था. आरोप है कि जल्दी रुपया कमाने की लालच में विंध्याचल मंदिर के बन रहे कॉरिडोर के नाम पर फेसबुक और वेबपेज बनाकर लोगों से दान के नाम पर वसूली कर रहा था. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही मामले की तहकीकात में जुटी. कुछ दिन पहले विंध्यवासिनी माता मंदिर के नाम पर वेबसाइट बनाने की शिकायत मिलने पर डीएम ने 8 सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया था. जिसके बाद 3 वेबसाइटों को सस्पेंड भी किया गया था.
(न्यूज इनपुट्स - बृजेंद्र दुबे)
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