नारदा मामले (Narada Case) में गिरफ्तार टीएमसी के चारों नेताओं को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत दे ही है, कोर्ट ने टीएमसी नेताओं-फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी को अंतरिम जमानत दी है
बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार बनने के बाद एक बार फिर नारदा घोटाले पर कार्रवाई शुरू हो गई है. 17 मई को नारदा घोटाले में आरोपी ममता बनर्जी के कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम समेत चार नेताओं को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.
क्या है पूरा मामला?
साल 2016 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले नारद न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुएल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था. इस वीडियो में वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चटर्जी से मिले थे और एक काम के बदले मोटी रकम देते नजर आए थे. बताया गया था कि ये टेप 2014 में बनाया गया था. जिसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
जब ये स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था तब विपक्ष ने 2016 के चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था. लेकिन इन सबके बावजूद तृणमूल कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी.
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