कोरोना आइसोलेशन वार्ड में घुसे 2 फर्जी डॉक्टर, 1 गिरफ्तार
बिहार के गया स्थित अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एएनएमसीएच) में रविवार की रात दो संदिग्ध युवक अचानक घुस गए और कोरोना संक्रमितों के लिए बने आइसोलेशन वार्ड तक पहुंच गए.
पुलिस के मुताबिक, दो शख्स डॉक्टर की ड्रेस में आइसोलेशन वार्ड में पहुंच गए और संक्रमित लोगों से बात की. सूत्रों का कहना है कि एक मरीज को इन लोगों ने कोई दवा भी खिलाई है. बाद में जब मरीजों को शक हुआ तब बाहर से आए लोगों से पूछताछ की गई. इस दौरान एक शख्स तो फरार होने में सफल रहा लेकिन दूसरे व्यक्ति को पकड़ लिया गया.
मेडिकल थाना के प्रभारी फहीम आजाद ने बताया कि, पकड़ा गया शख्स वीरेंद्र चौधरी एक निजी अस्पताल में काम करता है. इसे भी एहतियातन क्वॉरंटीन सेंटर में रखा गया है और पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
इधर, जिले के एक अधिकारी ने कहा कि आइसोलेशन वार्ड तक कोई अनजान व्यक्ति कैसे पहुंच सकता है, यह मामला जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
सरकारी स्कूलों के 8वीं से 12वीं तक के बच्चे रेडियो, टीवी से पढ़ेंगे
बिहार के सरकारी स्कूलों के आठवीं से 12वीं तक के स्टूडेंट अब रेडियो और टीवी (दूरदर्शन) के माध्यम से अपनी स्कूल की पढ़ाई कर पाएंगे. घर बैठे पढ़ने की ये सुविधा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दी जाएगी.
TV और रेडियो प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों को कैसे पढ़ाया जाए इसके लिए UNICEF के साथ मिलकर प्रोग्राम को डिजाइन किया गया है.संजय कुमार, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक
उन्होंने बताया कि बिहार में 75 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल हैं, जिनमें लगभग 2 करोड़ से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं. ऐसे में रेडियो और दूरदर्शन के माध्यम से अधिक बच्चों तक पहुंच जा सकता है. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि इसे जल्द ही शुरू किया जाएगा.
लॉकडाउन के बीच नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी ले सरकार : मुकेश सहनी
देश में कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन में बाहर फंसे मजदूरों और जरूरतमंदों के लिए विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने सोमवार को आर्थिक मदद भेजी.
इस दौरान उन्होंने कहा कि, लॉकडाउन के दौरान सरकार प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा की गारंटी ले. सहनी सोमवार को दरभंगा पहुंचे जहां उन्होंने बाहर फंसे मजदूरों के बैंक खाते में आर्थिक मदद भेजी.
“प्रधानमंत्री यह साबित करने में लगे हैं कि जनता उनके साथ है जबकि हकीकत यह है कि सरकार अपनी तमाम जिम्मेदारियों से किनारा कर देश में डर और पैनिक क्रिएट करने की कोशिश कर रही है.”मुकेश सहनी, विकासशील इंसान पार्टी (VIP)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बाहर फंसे लोगों को 1000 रुपये देने की घोषणा महज खानापूर्ति है. सरकार को हर नागरिक के खाते में 10,000 रुपये का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए, और उपंचायत स्तर पर सूची बनाकर इसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए.
कोरोना की जंग के बीच 16 सिविल सर्जनों का ट्रांसफर
बिहार में पिछले 24 घंटे के दौरान एक भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिला है. इस बीच सोमवार को सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 16 जिलों के सिविल सर्जन के ट्रांसफर कर दिए.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सबौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ़ संजीव कुमार सिन्हा को दरभंगा का सिविल सर्जन बनाया गया है, जबकि नवादा के सदर अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत डॉ. विमल प्रसाद सिंह को नवादा का सिविल सर्जन बनाया गया है.
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