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Qपटनाः मॉब लिचिंग मुद्दे पर तेजस्वी का ताना, पटना-नेपाल के बीच बस

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राज्य
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मॉब लिंचिंग को लेकर तेजस्वी ने नीतीश पर किया कटाक्ष

आरजेडी नेता तेजस्‍वी यादव ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर जमकर हमला बोला. तेजस्‍वी ने कहा है कि बिहार में डरावने दिन आ गए हैं और डबल इंजन की बुलेट ट्रेन में बैठे मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सुस्त और लाचार दिख रहे हैं. बिहार मॉब लिंचिंग का हब बन गया है. चारों तरफ अराजकता और भ्रष्‍टाचार का माहौल है. कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है.

तेजस्‍वी यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला. उन्‍होंने बेगूसराय में तीन लोगों की हत्या, रोहतास में दलित महिला की पीटकर हत्या, हाजीपुर में दरोगा तो जहानाबाद में एएसपी पर हमले का जिक्र किया है. साथ ही सासाराम में महिला को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना का भी उदाहरण दिया है. तेजस्‍वी ने लिखा है-

“बिहार में चहुंओर अराजकता का माहौल है. अपहरण, बलात्कार, हत्या, लूट, मॉब लिंचिंग से हाहाकार मचा है. कानून व्यवस्था समाप्त हो चुकी है. प्रखंड से लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है.”
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राज्य में प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाने की तैयारी

नगर विकास एवं आवास विभाग राज्य में पॉलीथिन के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारियों में जुटा है. सरकार के आदेश के बाद नगर निकायों में पॉलीथिन का उपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विभाग ने प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट बाइलॉज का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.

इस ड्राफ्ट पर 10 सितंबर तक राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद और नगर निकायों की राय मांगी गयी है. मुख्य सचिव की 24 सितंबर से शहरी निकायों में प्लास्टिक पर रोक लगाने की घोषणा को देखते हुए संशोधित ड्राफ्ट को इससे पहले कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

विभाग के मुताबिक नगर निकायों में प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट बाइलॉज लागू करने से पहले जागरूकता अभियान चलाया जायेगा. अभियान के तहत विभिन्न प्रचार माध्यमों से लोगों को इसके दुष्प्रभावों की जानकारी दी जायेगी. फिर एक्शन प्लान बना कर कार्रवाई की जायेगी.

(सोर्सः प्रभात खबर)

पटना-नेपाल के बीच 11 सितंबर से बस सेवा

पटना और नेपाल के बीच मंगलवार से बस सेवा की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका शुभारंभ करेंगे. परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि परिवहन विभाग ने अभी बोधगया से काठमांडू और पटना से जनकपुर के बीच बस सेवा शुरू करने का फैसला किया है. दोनों रूटों के बीच आठ बसें चलेगी.

विदेश मंत्रालय ने पीपीपी मोड पर बिहार और नेपाल के बीच बस सेवा शुरू करने की अनुमति दे दी है. सभी बसों को परमिट मिल गई है. चार बसें पटना और जनकपुर और चार बसें बोधगया और काठमांडू के बीच चलेंगी.

एक बस में करीब 44 एसी सीटें होंगी. पटना-जनकपुर की बसें पटना, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी भीठा मोड़ होते हुए जनकपुर जाएंगी. वहीं बोधगया-काठमांडू की बसें गया, पटना, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, रक्सौल, वीरगंज होते काठमांडू जाएंगी. बोधगया से काठमांडू का किराया करीब 1250 रुपए, पटना से जनकपुर का किराया 275 रुपए और पटना से काठमांडू का किराया 1015 रुपए है.

(सोर्सः हिन्दुस्तान)

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पितरों की आत्मा की शांति के लिए डोभाल ने किया पिंडदान

एनएसए अजित डोभाल अपनी पत्नी अनू डोभाल के साथ रविवार को अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए गया के विष्णुपद मंदिर में "श्राद्ध" और फल्गु नदी में "तर्पण" किया. डोभाल अपनी पत्नी के साथ नालंदा से गया के आफिसर्स प्रशिक्षण एकादमी (ओटीए) में शनिवार की रात पहुंचे थे. रविवार सुबह विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर पहुंचकर उन्होंने पिंडदान किया.

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उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंडा अमरनाथ मेहरवार और पंडित रामानुज वैध ने "कर्मकांड" कराया. डोभाल दम्पत्ति के पंडा मेहरवार ने मेहरवार ने बताया कि अजित डोभाल के पिता दिवगंज गुलानंद ने भी "गयाश्राद्ध" किया था. गया अति नक्सल प्रभावित जिले के साथ-साथ आंतकवादियो के निशाने पर रहा है जिसे देखते हुए डोभाल रात में ओटीए में ही रुके.

(इनपुटः भाषा)

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पटना में बनेगा प्रकाश केंद्र, काम शुरू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज की 350वीं जयंती के मौके पर पटना साहिब में बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र और उद्यान योजना के काम का शुभारंभ किया. नीतीश ने कहा कि यहां जो बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र बनने जा रहा है, इसका नामकरण प्रकाश पुंज होना चाहिए. यहां चार गेट बनेंगे, जिसका नाम होगा बाबा अजीत सिंह द्वार, बाबा फतेह सिंह द्वार, बाबा जुझार सिंह द्वार और बाबा जोरावर सिंह द्वार होगा.

उन्होंने कहा कि यह जो पूरा स्ट्रक्चर बनेगा वह चारों तरफ से खुला रहेगा. यह एक ऐसा केंद्र बनेगा कि प्रकाश पुंज का निरीक्षण करने वालों को सिख धर्म और गुरु गोविन्द सिंह जी महाराज के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. नीतीश ने कहा कि इसका नाम प्रकाश पुंज रखने के पीछे मकसद है कि यह ज्ञान की भूमि है. 18 महीने के अंदर इसे बनाने का टारगेट रखा गया है. नीतीश ने कहा कि उनकी इच्छा है कि 14 महीने बाद 2020 में होने वाले प्रकाश पर्व के पूर्व इसका काम पूर्ण कर लिया जाए ताकि उस समय इसका उद्घाटन किया जा सके.

(इनपुटः भाषा)

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