किसी भी सूरत में लॉकडाउन के नियमों का उल्लघंन ना हो: योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी डीएम और एसपी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी सूरत में लॉकडाउन के नियमों का उल्लघंन ना हो. इसके अलावा किसी भी जगह कोरोना का संदिग्ध मिलने पर थाना प्रभारी की भी जवाबदेही होगी. अगर लापरवाही हुई तो कार्रवाई भी संभव है. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी के हवाले से यह जानकारी दी है.
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि जिन लोगों ने शासन द्वारा क्वॉरंटीन होने के बाद 14 दिन पूरे कर लिए हैं, उन्हें घर भेज दिया जाए. हालांकि उन्हीं लोगों को घर भेजा जा रहा है जो उसी जिले या आसपास के जिले के निवासी हैं.
यूपी में COVID-19 के 805 कन्फर्म केस
उत्तर प्रदेश में 16 अप्रैल को COVID-19 के कन्फर्म केस की संख्या बढ़कर 805 हो गई. संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में 167, लखनऊ में 100, गाजियाबाद में 28, गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में 92, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर नगर में 22, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 21, वाराणसी में 9, शामली में 22, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 69, बरेली में 6, बुलंदशहर में 12, बस्ती में 16, हापुड़ में 15, गाजीपुर में 5, आजमगढ़ में 6, फिरोजाबाद में 27, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 6, सहारनपुर में 53, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 3, महाराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 2, रायबरेली में 2, औरैया में 5, बाराबंकी में 1, कौशाम्बी में 2, बिजनौर में 13, सीतापुर में 14, प्रयागराज में 1, मथुरा में 4, बदायूं में 4, रामपुर में 6, मुजफ्फरनगर में 5, अमरोहा में 10, भदोही में 1, कासगंज में 3, इटावा में 1, संभल में 6, उन्नाव में 1, कन्नौज 4, संत कबीर नगर 1 और मैनपुरी में 2 केस सामने आए हैं.
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अब तक इलाज के बाद 805 में से 74 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है, जबकि 13 लोगों की कोरोना के कारण मौत हुई है. प्रदेश के 48 जिले कोरोना से प्रभावित हुए हैं.
डराकर नहीं बल्कि विश्वास में लेकर आगे बढ़े सरकार: अखिलेश
समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार लोगों को डराकर नहीं बल्कि विश्वास में लेकर आगे बढ़ना चाहिए. अखिलेश यादव ने 16 अप्रैल को ट्वीट कर कहा, "कोरोनाकाल में जिन्हें भी वायरस से पीड़ित होने के लक्षण दिखें उन्हें स्वयं जांच के लिए आगे आना चाहिए और उन डॉक्टरों का सहयोग और सम्मान करना चाहिए जो अपना जीवन दांव पर लगाकर आपकी जान बचा रहे हैं. सरकार को भी लोगों को डराकर नहीं बल्कि विश्वास में लेकर सभी के साथ आगे बढ़ना चाहिए."
इससे पहले उन्होंने लिखा था कि "मुंबई में हजारों लोगों के सड़कों पर आकर घर लौटने की मांग को देखते हुए यूपी सरकार तुरंत नोडल अधिकारी नियुक्त करे और केंद्र के साथ मिलकर महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को निकाले. जब अमीरों को जहाज से विदेशों से ला सकते हैं, तो गरीबों को ट्रेनों से क्यों नहीं."
इसके जवाब में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव ने ट्वीट किया और लिखा कि "अनपढ़ों की तरह बात मत करिए अखिलेश जी, दूसरे राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है. उन अधिकारियों के नंबर जारी किए जा चुके हैं. रोज यूपी के मुख्य सचिव उन अधिकारियों से बात करते हैं. सभी नोडल अधिकारी उन राज्यों में रहने वाले यूपी के लोगों के संपर्क में हैं, उनकी मदद कर रहे हैं. आप राजनीति छोड़िए और कोरोना से संघर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के साथ सहभागी बनिए.''
अस्पतालों में बिजली न कटने दें अधिकारी : ऊर्जा मंत्री
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने 16 अप्रैल को अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में किसी भी स्थिति में बिजली न कट पाए, यह ध्यान रखें. श्रीकांत शर्मा विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात कर रहे थे. उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिलों में नामित किए गए COVID-19 अस्पतालों, क्वॉरंटीन और आइसोलेशन सेंटरों पर निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित रहे, इन जगहों पर अगर आवश्यक सुधार कार्य कराना हो तो तत्काल स्थानीय प्रशासन से सहयोग लेकर उसे अविलंब कराया जाए.
मंत्री ने सभी 70 हजार स्थायी-संविदा कर्मिकों के स्मार्टफोन में आरोग्य सेतु ऐप भी डाउनलोड कराए जाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि तीन दिन में सभी संविदा और स्थायी कर्मिकों के स्मार्टफोन में यह ऐप होना चाहिए. उन्होंने कर्मिकों के स्वास्थ्य का ध्यान प्राथमिकता पर लिए जाने की बात कही और निर्देश दिया कि सभी बिजलीघरों में थर्मल स्कैनिंग की सुविधा के साथ मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए.
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