राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य विधानसभा में बजट पेश किया. उन्होंने इस बजट को निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधारित बताया.
बजट में गहलोत ने आगामी वित्त वर्ष में 53,151 नई भर्तियां करने का प्रावधान किया है. उन्होंने बताया कि बजट में किसी नए टैक्स का प्रस्ताव नहीं किया गया है. साथ ही गहलोत ने कई टैक्स में बदलाव करते हुए 130 करोड़ रुपये की छूट देने का ऐलान भी किया है.
बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है.
7 संकल्प पर आधारित बजट
पिछले बजट में जनकल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हमने इस बजट में भी ठोस कार्ययोजना पेश करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा- हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार की तरह है. इस परिवार के लिए मैं सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बनाना चाहता हूं:
- निरोगी राजस्थान
- संपन्न किसान
- महिला बाल और वृद्ध कल्याण
- सक्षम मजदूर छात्र युवा जवान
- शिक्षा का परिधान
- पानी बिजली व सड़कों का मान
- कौशल और तकनीकी प्रधान
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी सरकार की वित्तीय नीतियां और प्राथमिकताएं क्या हों इसके लिए हमने कृषकों, पशुपालकों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों, सिविल सोसायटी के विचारों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी बजट बनाने की कोशिश की है.’’
गहलोत ने केंद्र पर साधा निशाना
मैन्युफैक्चरिंग, सेवा और कृषि क्षेत्र के वृद्धि दर अनुमानों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. उन्होंने कहा ‘‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व में जो गिरावट आ रही है उसके खामियाजे के रूप में केंद्र द्वारा, हमें भेजे जाने वाले हमारे हिस्से की कर राशि में से 10362 करोड़ रुपये काटे जा रहे हैं. केंद्र सरकार तो कई तरीकों से धन जुटा लेती है जैसे रिजर्व बैंक से धन लेकर, एयर इंडिया और बीपीसीएल में विनिवेश कर, एलआईसी में हिस्सेदारी कम करके जबकि राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘ इन चुनौतियों के बावजूद इस बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित न हो.’’
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