योगी सरकार ने मदरसों में घटाई छुट्टियां, विरोध शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी करते हुए छुट्टियों की संख्या घटा दी है. मदरसों ने इसका विरोध करते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार की मांग की है, वहीं सरकार ने इसे छात्र हित में उठाया गया कदम बताया है.
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता की ओर से जारी कैलेंडर में दीपावली, दशहरा, महानवमी, महावीर जयंती, बुद्धपूर्णिमा, रक्षाबंधन और क्रिसमस की छुट्टियां बढ़ाई गई हैं. वहीं, रमजान के दिनों में दी जाने वाली 46 दिन की छुट्टियों की संख्या घटाकर 42 कर दी गई है. इसके अलावा मदरसों के प्रबंधकों के विवेकाधीन 10 छुट्टियों को खत्म कर दिया गया है.
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने इस बारे में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि सभी शिक्षण संस्थाओं के छात्र अपने महापुरुषों के बारे में जानें, इसलिये सभी शिक्षा परिषदों और विश्वविद्यालयों में महान विभूतियों की जयंती - पुण्यतिथि पर दी जाने वाली छुट्टियां रद्द की गई हैं.
मदरसे भी इसके तहत आते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने ये कदम छात्र हित को ध्यान में रखते हुए उठाया है.
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के बाद अब दिखाना होगा कुंभ मेले का 'लोगो'
उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में जल्द ही फिल्म शुरू होने से पहले सुनाए जाने वाले राष्ट्रगान के बाद कुंभ मेले का नया प्रतीक चिह्न (लोगो) भी अनिवार्य रूप से दिखाया जाएगा. प्रदेश के पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि लोग इस धार्मिक आयोजन के उद्देश्य और महत्व को जान सकें.
उन्होंने बताया कि नए लोगो में स्वास्तिक चिह्न बना हुआ है और साधुओं का एक समूह पवित्र संगम में स्नान करता हुआ दिख रहा है. ये फैसला सभी सरकारी पत्रों में कुंभ का ‘लोगो’ छापे जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद किया गया है. कुंभ मेले को हाल में यूनेस्को की विश्व धरोहरों की लिस्ट में शामिल किया गया था.
ये मेला जनवरी 2019 में आयोजित किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विशाल धार्मिक कार्यक्रम की पुख्ता तैयारियां करने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं.
यूपी के 12 जिलों में मंदबुद्धि महिलाओं के लिए बनेंगे स्पेशल शेल्टर होम
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सूबे के 12 जिलों में मंदबुद्धि और विक्षिप्त महिलाओं के लिए स्पेशल शेल्टर होम बनेंगे.
पीपीपी मॉडल पर बनने वाले इन शेल्टर होम के लिए योगी सरकार ने ऐड देकर इच्छुक स्वयंसेवी संगठनों के प्रपोजल मांगे हैं.
ये शेल्टर होम लखनऊ, बरेली, वाराणसी, झांसी, आगरा, गोरखपुर, मिजार्पुर, गौतमबुद्ध नगर, सहारनपुर, पीलीभीत, कानपुर और इलाहाबाद में बनाए जाएंगे.
पुणे हिंसा के लिए बीजेपी, आरएसएस जिम्मेदार: मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने महाराष्ट्र के पुणे में जातीय हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने मांग की है कि दलितों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं. सरकार को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करना चाहिए.
मायावती ने बुधवार को एक बयान में इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “बीजेपी और आरएसएस के लोग नहीं चाहते कि दलित अपने इतिहास को याद रखें. वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने हिंसा कराई. लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है.”
उन्होंने कहा कि बीजेपी के वर्तमान शासनकाल में दलितों पर बर्बर जातिवादी व्यवहार और जुल्म-ज्यादती की जितनी भी दर्दनाक घटनाएं राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का कारण बनी हैं उनमें से भी किसी मामले में दलितों को न्याय नहीं मिल पाया है. न ही दोषियों को सख्त सजा ही मिल पाई है.
अलाव ताप रहे लोगों को अनियन्त्रित ट्रेलर ने रौंदा, 2 की मौत
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में अलाव ताप रहे लोगों को अनियन्त्रित ट्रेलर ने रौंद दिया. इस हादसे में जहां 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं 4 लोग घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायलों में एक पूर्व प्रधान भी है. उधर हादसे से गुस्साए लोगों ने हंगामा किया. जानकारी के मुताबिक बुधवार को थाना क्षेत्र बिहार के आकमपुर तिराहा के पास कुछ लोग आग जला कर अलाव ताप रहे थे. इसी दौरान आए एक तेज रफ्तार अनियन्त्रित ट्रेलर ने लोगों को रौंद दिया.
इस हादसे में दीना (45) पुत्र मोहम्मद अली और गोलू सिंह (22) पुत्र देवकुमार की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं आकमपुर के पूर्व प्रधान ओमप्रकाश यादव समेत चार लोग घायल हो गए.
पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जहां से सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है. उधर घटना से गुस्साए लोगों ने सड़क जाम कर दुर्घटना करने वाले गाड़ियों को फूंकना चाहा, जिन्हें पुलिस ने रोक लिया.
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