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फर्रुखाबाद में खौफ के 8 घंटे:रोती रहीं मांएं, वो दागता रहा गोलियां

चश्मदीदों ने बताई सिरफिरेपन से भरी इस वारदात की कहानी

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उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के कठरिया गांव में गुरुवार, 30 जनवरी की शाम को एक शख्स ने 23 बच्चों को बंधक बना लिया. पुलिस के मुताबिक, बच्चे करीब 8 घंटे तक बंधक बने रहे. आखिरकार पुलिस ने देर रात किसी तरह सभी बच्चों को सुरक्षित बचा लिया. पुलिस की कार्रवाई में मामले के मुख्य आरोपी सुभाष बाथम की मौत हो गई. इस मामले में आरोपी शख्स की पत्नी की भी मौत हो गई है.

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एसपी अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपी की पत्नी गोली लगने की वजह घायल हुई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं महानिरीक्षक (कानपुर) मोहित अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की पत्नी को स्थानीय लोगों ने उस समय पीटा था, जब वह वहां से बचकर निकलने की कोशिश कर रही थी लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के कारण उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि उसके सिर पर लगी चोट से खून निकल रहा था, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई. अग्रवाल ने कहा, ‘‘ पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल पाएगा.’’

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गुरुवार देर रात एक बजकर 20 मिनट पर आनन-फानन में बुलाई गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘ सभी 23 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और बच्चों को बंधक बनाने वाले को मार गिराया गया है.’’

आरोपी ने इस तरह दिया घटना को अंजाम

उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया, ‘‘आरोपी ने बच्चों को अपनी बेटी के जन्मदिन की पार्टी के लिए बुलाया था और उन्हें बंधक बना लिया. यह सब 30 जनवरी को शाम पांच बजकर 45 मिनट पर शुरू हुआ और करीब आठ घंटे तक बच्चे बंधक बने रहे.’’उन्होंने बताया कि आरोपी ने शुरुआत में ही छह महीने की एक बच्ची को एक बालकनी से अपने पड़ोसी को सौंपकर मुक्त कर दिया था.

चश्मदीदों के मुताबिक बंधक बनाए गए बच्चों के माता-पिता और रिश्तेदारों की भीड़ आरोपी के घर के बाहर जमा हो गई और उनमें से कुछ महिलाएं अपने बच्चों की सुरक्षित रिहाई के लिए गिड़गिड़ाती हुई नजर आईं.

बाद में भीड़ का सब्र जवाब दे गया और उसने बच्चों को चंगुल से छुड़ाने के लिए आरोपी के घर के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ डालीं. इस पर आरोपी ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं, जिनकी चपेट में आकर आरोपी सुभाष बाथम की मौत हो गई.

हालांकि बंधक बनाए गए किसी भी बच्चे को कोई चोट नहीं लगी. इस घटना में दो पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति को भी गोली लगी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को बंधक बनाए जाने की खबर मिलने पर आपदा प्रबंधन समूह के साथ बैठक की और व्यक्तिगत तौर पर हालात का जायजा भी लिया था. इसके पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडो की एक टीम को विशेष विमान से फर्रुखाबाद भेजा गया था.

'हत्या का आरोपी था सुभाष'

पुलिस के मुताबिक वारदात का मुख्य आरोपी सुभाष हत्या का आरोपी था और वह विक्षिप्त भी था. कानपुर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि सुभाष बाथम ने अपने घर के अंदर से छह गोलियां चलाई थीं. उन्होंने बताया कि शुरू में वह स्थानीय विधायक से बात करना चाहता था लेकिन बाद में जब विधायक पहुंचे तो उसने बात करने से इनकार कर दिया.

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