यूपी सरकार ने पुलिस चेकिंग के दौरान गोरखपुर के होटल में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता Manish Gupta) की हत्या की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही केस को गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर करने का भी निर्देश दिया है. गोरखपुर में मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में दर्ज केस के कानपुर ट्रांसफर होने के बाद जब तक सीबीआई केस को टेकओवर नहीं करती है, तब तक कानपुर में एसआइटी गठित कर केस की जांच शुरू कराई जाएगी.
बता दें कि मुख्यमंत्री गोरखपुर (Gorakhpur) में मनीष गुप्ता की कथित पुलिस की पिटाई से मौत के कई दिनों बाद भी आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पूरे मामले में पुलिस महकमें पर शुरू से ही लीपापोती के आरोप लग रहे हैं. FIR से 3 पुलिस वालों का नाम हटाने का दबाव बनाने का आरोप हो या मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई... तमाम चीजों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
जब मनीष गुप्ता हत्याकांड ने राजनीतिक तूल पकड़ना शुरू किया तो मुख्यमंत्री योगी परिवार से मिलने पहुंचे थे. एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये भी बताया कि उनके ही कहने पर तुरंत मुकदमा दर्ज किया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट खोल रही पोल
पहले तो गोरखपुर पुलिस इसे हत्या मानने को ही तैयार नहीं थी. पुलिस का शुरू से ही स्टैंड रहा कि होटल में कुछ संदिग्धों के होने की खबर मिली थी, जिनकी तलाश में रामगढ़ताल पुलिस होटल पहुंची. पुलिस को देखकर हड़बड़ाहट में मनीष होटल के कमरे में गिर गए. गिरने के दौरान चोट लगने से उसकी मौत हो गई.
लेकिन पीड़ित मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस प्रशासन के दावों की पोल खोल देती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी बर्बरता से पिटाई की गई थी. उनके शरीर पर गंभीर चोट के निशान मिले हैं. वहीं सर पर गहरी चोट भी लगी है.
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