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उत्तराखंड: चमोली में घरों-गौशालाओं पर चला बुलडोजर, ग्रामीणों में आक्रोश

Uttarakhand: भारी विरोध के बावजूद प्रशासन ने 16 घरों एवं गौशालाओं पर बुलडोजर चलवा दिया.

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उत्तराखंड का चमोली जिला, प्रशासन और जनता के बीच ‘संग्राम’ का केंद्र बनता जा रहा है. दशोली ब्लॉक के पीपलकोटी ग्राम हाट में प्रशासन की अचानक की गई कार्रवाई से ग्रामीण आंदोलित हो गए हैं.

आरोप है कि प्रशासन कुछ परिवार को मुआवजा दिए बगैर मकानों को तोड़ रहा है. भारी विरोध के बावजूद बुधवार को प्रशासन ने हाट में 16 घरों और गौशालाओं पर बुलडोजर चलवा दिया. हाट गांव में कुल 122 परिवार हैं. ग्रामीणों के साथ विरोध में विपक्षी दल भी खड़े हो चुके हैं.

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, हाट गांव का अलकनंदा नदी पर बन रही पीपलकोटी-विष्णुगाड 440 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहण किया गया है. THDC द्वारा बनाई जा रही इस परियोजना के लिए हाट गांव से विस्थापन की प्रक्रिया वर्ष 2009 में शुरू हुई थी.
ज्यादातर लोगों ने यहां से हटकर अपने मकान बाबा लिए हैं, लेकिन गांव के 10 से अधिक परिवार अब भी हाट गांव में ही रह रहे थे. इनमें से कुछ परिवारों को मुआवजा भी मिल चुका था, जबकि कुछ ग्रामीणों को मुआवजा अभी तक आवंटित नहीं हुआ. प्रशासन की ओर से पहले भी गांव में पहुंचकर आवासीय भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की गई. लेकिन विरोध के चलते इसे टाल दिया गया था.

हालिया घटनाक्रम

22 सितंबर, बुधवार सुबह 6.30 बजे प्रशासनिक अमला और THDC प्रबंधन भारी पुलिस बल के साथ ग्राम सभा हाट में अधिग्रहण की गई भवनों को ध्वस्त करने के लिए पहुंच गया.
इसका गांव वालों ने विरोध किया. यहां ग्राम प्रधान राजेंद्र हटवाल, ज्येष्ठ प्रमुख पंकज हटवाल, युवक मंगल दल के अध्यक्ष अमित गैरोला, कृष्ण हटवाल और अन्य ग्रामीणों ने मुआवजा मिले बिना घर तोड़े जाने को लेकर ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट के समक्ष कड़ा ऐतराज जताया.

इसके बाद पुलिस चारों प्रतिनिधियों को जबरन उठाकर गोपेश्वर ले आई और प्रशासन ने 16 घरों एवं गौशालाओं को ढहा दिया.

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विधायक ने की मुख्यमंत्री से बातचीत

इस बीच, स्थानीय विधायक महेंद्र भट्ट ने भी जिला प्रशासन की कार्रवाई पर आक्रोश जताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की.

"जिला प्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व टीएचडीसी, मुझे और गांव के प्रधान राजेंद्र प्रसाद हटवाल और पंकज हटवाल को विश्वास दिलाया गया था कि 3 अक्टूबर तक सभी से वार्ता कर समाधान निकाला जाएगा. लेकिन आज जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बिना एकतरफा कार्रवाई की गई. इस विषय पर भी मैंने मुख्यमंत्री से अपनी नारजगी व्यक्त की है."
विधायक महेंद्र भट्ट

पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने कहा कि बिना सूचना के लोगों को घर करवाना बेहद दुखद है. क्षेत्र में भारी बारिश हो रही है उसके बाद भी जिला प्रशासन ने तड़के घरों को खाली करवाया, जो न्यायोचित नहीं है.

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