उत्तराखंड को पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के रूप में अपना अगला सीएम मिल चुका है. तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद तमाम नामों को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन आखिरकार पार्टी ने युवा नेता पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी है. बीजेपी ने एक बार फिर चौंकाने वाला फैसला लिया है, क्योंकि धामी का नाम टॉप-3 नामों में भी शामिल नहीं था. जानिए कौन हैं पुष्कर सिंह धामी और क्यों उन्हें ये जिम्मेदारी मिली है.
छात्र नेता के तौर पर बनाई पहचान
पुष्कर सिंह धामी पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुए और उनके पिता एक पूर्व सैनिक हैं. फिलहाल धामी उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक हैं. वो नेपाल सीमा से सटी इस सीमांत सीट से लगातार दो बार विधायक चुने गए हैं. इससे पहले धामी छात्र नेता के तौर पर काफी सालों तक एबीवीपी में काम कर चुके हैं. इस दौरान वो छात्र संगठन के कई अहम पदों पर रहे. पुष्कर सिंह धामी इसके बाद भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे.
क्यों चुने गए मुख्यमंत्री?
पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री चुनने की सबसे बड़ी वजह है कि उनकी युवाओं में काफी अच्छी पकड़ है. क्योंकि उन्होंने युवाओं को रोजगार दिलाने को लेकर लगातार आवाज उठाई है और आंदोलन किए हैं. साथ ही धामी पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के काफी करीबी माने जाते हैं. इतना ही नहीं वो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल से सांसद अजय भट्ट के भी करीबी हैं. इसके अलावा आरएसएस के साथ भी धामी ने कुछ सालों तक काम किया है.
पुष्कर धामी ऐसे नेता बन चुके हैं, जो बिना मंत्री बने सीधे विधायक से मुख्यमंत्री बने हैं. कोरोनाकाल में जब जनता अपने नेताओं को ढूंढ़ रही थी, उस वक्त पुष्कर सिंह धामी अपनी विधानसभा में काफी एक्टिव थे.
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