आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरक्षण पर 'आर-पार की लड़ाई' की बात कही है. तेजस्वी ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 90 फीसदी करने की मांग की है.
तेजस्वी गुरुवार को ट्विटर पर बेहद आक्रामक दिखे और एक के बाद एक ट्वीट कर केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा.
केंद्र के सवर्ण आरक्षण के फैसले का विरोध
ट्वीट का सिलसिला शुरू हुआ केंद्र सरकार के सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मुद्दे से. तेजस्वी ने सबसे पहले ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीके का विरोध कर रहे हैं.’’
'संघ के इशारे पर हो रहा है आरक्षण खत्म'
आरजेडी नेता ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी निशाना साधने में देर नहीं लगाई. दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ‘‘देश के बहुजन वर्षों से 50% फीसदी आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और ना ही बढ़ने दिया. लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन मांगे चंद घंटों में दे दिया. नागपुरिए जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता. समझिये, ये आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है.''
तेजस्वी ने की गणित की बात
सामान्य वर्ग को आरक्षण देने के एक मानदंड (जिसके मुताबिक सालाना 8 लाख की आय वाला आरक्षण का हकदार होगा) पर तेजस्वी यादव ने सवाल पूछने के अंदाज में ट्वीट किया , ‘‘बताइये, 8 लाख सालाना यानी 66,666 रुपये महीने में कमाने वाला गरीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानी 72,500 रु. सालाना टैक्स देना पड़ रहा है. जो व्यक्ति 72500₹ टैक्स देता है, सरकार उसे गरीबी का आरक्षण दे रही है. वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह!’’
हमने लड़ाई ठान ली है: तेजस्वी
तेजस्वी यादव ने साथ ही जातिगत जनiणना करवाने की बात भी कही है. अपने ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, ‘‘वो पद का दुरुपयोग कर आपकी जाति भी नहीं गिनने देंगे और अपनी जाति भी नहीं गिनेंगे क्योंकि इससे उनकी पोल खुल जाएगी कि कैसे मुट्ठी भर लोगो ने देश के सभी क्षेत्रों और संसाधनों पर जातीय बाहुबल और ठगी के दम पर कब्जा जमा रखा है. हमने लड़ाई ठान ली है अब चाहे जेल जाएं या गोली लगे. लड़ेंगे.’’
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