उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत (Baghpat) में पुलिसवालों के सामने एक महिला और उसकी दो बेटियों की जहर खाने के मामले में अब मां और एक बेटी की मौत हो गई है. गीता और उसकी बेटी प्रीति ने मेरठ के अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था, जबकि एक बेटी स्वाति की मंगलवार को ही मौत हो गई थी. फिलहाल मां बेटी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
क्या है मामला?
बाछोड़ गांव में एक लड़की को गांव के ही एक युवक (प्रिंस) पर बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने का आरोप है. मंगलवार रात छपरौली थाने की पुलिस आरोपी युवक के घर पहुंची थी, लेकिन घर का दरवाजा किसी ने नहीं खोला. इस पर पुलिस दूसरे घरों की छतों से युवक के घर में दाखिल हुई. यहां पर पुलिसकर्मियों ने युवक को तलाशने की कोशिश की, घर में केवल युवक की मां गीता और उसकी बहनें प्रीति और स्वाति ही थी.
आरोप है कि पुलिस की प्रताड़ना जब हद से ज्यादा बढ़ गई तो महिला और उसकी दोनों बेटियों ने पुलिसकर्मियों के सामने ही जहरीला पदार्थ खा लिया. यह देख पुलिसवालों के होश उड़ गए. आनन-फानन में वे तीनों को सीएचसी छपरौली लेकर पहुंचे, जहां से गंभीर हालत होने पर तीनों को बड़ौत और फिर मेरठ के सुभारती अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.
मंगलवार को युवती स्वाति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पोस्टमार्टम के बाद जब युवती का शव गांव पहुंचा तो घरवालों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. मौके पर पहुंचे एसडीएम, सीओ को भी परिजनों और ग्रामीणों से बहसबाजी की.
घरवालों का कहना था कि जबतक छपरौली थाने के दरोगा नरेशपाल और अन्य दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज नहीं कर दिया जाता, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. अधिकारी इस मामले में घरवालों और ग्रामीणों को समझाने में जुटे थे, वहीं मृतक युवती के पिता महक सिंह का कहना है कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वह भी आत्मदाह करेगा.
काफी समझाने और दरोगा के खिलाफ मुकदमा लिखे जाने के बाद ही स्वाति के शव का बुधवार शाम भारी पुलिसबल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.
महक सिंह के घर की बात करें तो एक छोटे से कमरे और कुछ फीट के आंगन में स्टील का ग्लास और कप पड़ा हुआ है, जिसमें जहरीला पदार्थ घोलकर मां-बेटियों ने पीकर अपनी जान दी थी. घर में जगह-जगह जहरीला पदार्थ भी बिखरा हुआ है.
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