उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बीजेपी से निष्कासित नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और नवीन जिंदल के विवादित बयान को लेकर जुमे की नमाज के बाद कई जगह आंदोलन हुए तो कहीं हिंसा भड़की. इस मामले में प्रयागराज (Prayagraj) प्रशासन सख्त हो गया है और बुलडोजर की कार्यवाही के संकेत दे दिए हैं. शनिवार को स्थानीय प्रशासन ने हिंसा में शामिल आरोपियों के घरों और दुकानों का सर्वे किया है जिसके बाद कार्यवाही की जाएगी.
मीडिया से बातचीत में प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के जॉइंट सेक्रेटरी अजय कुमार ने बताया कि, "उनके पास 37 आरोपियों के नाम की लिस्ट है और उनके घरों और दुकानों का सर्वे किया जा रहा है. इनमें से किसी का घर या दुकान अवैध पाया गया तो उसे चिन्हित कर आगे की कार्यवाही की जाएगी.
पुलिस की जांच के अनुसार प्रयागराज हिंसा का मुख्य आरोपी 57 वर्षीय जावेद अहमद बताया गया जिसके घर पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने एक नोटिस दिया है. नोटिस में लिखा गया है कि "दिनांक 25 मई 2022 को भवन ध्वस्तिकरण हेतु आदेश पारित किए गए थे जिसका तामिला स्थल पर चस्पा के माध्यम से किया गया था तथा आपसे अपेक्षा की गई थी कि दिनांक 9 जून 2022 तक भवन ध्वस्त कर सूचित करें जो कि आपके द्वारा नहीं किया गया".
जावेद अहमद को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही साथ उनकी पत्नी और बेटी को भी पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया था. प्रशासन की तरफ से जारी नोटिस में 12 जून को 11 बजे तक घर खाली करने का निर्देश दिया गया है इससे भवन के ध्वस्तिकरण की कार्यवाही की जा सके.
मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद जारी किए निर्देश, अब चल सकता है बुलडोजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था को लेकर दिशा निर्देश दिए. माना जा रहा है कि शुक्रवार को प्रदेशभर में जगह-जगह हुए आंदोलन और हिंसा के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जा सकती है. हाल फिलहाल में सहारनपुर में हिंसा में शामिल दो आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया गया है.
बता दें कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद प्रदेश के कई जिलों में आंदोलन और हिंसा की वजह से कानून व्यवस्था पर असर पड़ा था. प्रयागराज में भी स्थिति काफी खराब हो गई जब आंदोलनकारियों ने पुलिस पर लगातार पत्थर बरसाने शुरू कर दिए. घंटों तक चली हिंसा के बीच पुलिस और आम लोगों की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी भी की गई. घटना का मुख्य केंद्र प्रयागराज का अटाला क्षेत्र था जहां पर तकरीबन 3 घंटे पत्थरबाजी होती रही जिसमें पुलिस और सुरक्षा बलों के कई जवान घायल भी हुए थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस के अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार पूरे प्रदेश में 9 जिलों में हुए आंदोलन और हिंसा के बाद 255 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इन जिलों में 13 मुकदमे दर्ज हुए हैं और लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं.
इनपुट क्रेडिट- सुधीर शुक्ला
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