कोलकाता, 22 मार्च (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू के आह्वान पर रविवार को पश्चिम बंगाल करीब पूरी तरह से बंद रहा और लोग घरों के अंदर ही रहे। यह कदम कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए उठाया गया था।
राज्य के अहम रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर सन्नाटा रहा क्योंकि लोगों ने घरों से निकलने में परहेज किया। हालांकि, कुछ पीली टैक्सी और सरकारी बसें सड़कों पर दौड़ती दिखी।
कुछ पुलिस वाहन और जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग भी सड़कों पर रहे। राज्य में गेट वाली कॉलोनी और अपार्टमेंट अंदर से ही बंद रहे जबकि नगर निकाय ने सार्वजनिक स्थलों जैसे पार्क और बस को संक्रमण मुक्त करने का काम किया।
हालांकि, दूध बेचने और अखबार बांटने वालों ने रोज की तरह अपना काम किया। कोलकाता के महापौर फिरहाद हकीम ने शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर विसंक्रमण का किए जा रहे काम का मुआयना किया।
बंदी के बावजूद पार्क सर्कस मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना दे रही करीब 50 महिलाएं जमी रही जबकि महापौर ने दो हफ्ते के लिए प्रदर्शन को स्थगित करने की अपील की थी।
पूर्वी मिदनापुर जिले में दिघा कस्बे का समुद्रतट जो आमतौर पर पर्यटकों से गुलजार रहता है पूरी तरह से खाली रहा, सिवाय समुद्र से लौटते कुछ मछुआरों को छोड़कर। इसी तरह का सन्नाटा दार्जीलिंग और राज्य के अन्य पर्यटक स्थलों पर देखने को मिला।
इससे पहले सुबह करीब एक हजार यात्रियों को लेकर विशेष ट्रेन मुंबई से हावड़ा स्टेशन पहुंची। पश्चिम बंगाल के चिकित्सा अधिकारियों ने इन यात्रियों की जांच की।
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