दावा
इन दिनों अखबार में छपी एक खबर की फोटो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. 4,000 से ज्यादा रीट्वीट के साथ इस पोस्ट में लिखा है: "मीडिया को चिन्मयानंद से फुरसत मिल गयी हो तो ये खबर भी बताने का कष्ट करें. एक नहीं, दो नहीं, पूरे 52 लड़कियों का मामला है, वो भी 18 से 18 उम्र की."
इस ट्वीट को एक अखबार की कथित क्लिप के साथ पोस्ट किया गया है, जिसकी हेडलाइन है: "मदरसे में यौन शोषण, मौलवी गिरफ्तार, 52 छात्राएं छुड़ाई गयीं".
ट्वीट का आर्काइव वर्जन आप यहां देख सकते हैं.
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उत्तर प्रदेश में एक कानून की छात्रा द्वारा बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर लगाए गए बलात्कार के आरोपों के बाद ये तस्वीर सर्कुलेट हो रही है. यही दावा फेसबुक पर भी शेयर किया गया है.
सच क्या है
हमें पता चला कि घटना 2017 की है, और अखबार के क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई है.
पड़ताल में हमें क्या मिला
हमने इस घटना को ऑनलाइन सर्च किया और 2017 को अमर उजाला में छपे असली क्लिपिंग को ढूंढ निकाला. इसमें "मैनेजर" शब्द को "मौलवी" से बदल दिया गया है.
क्लिप के हेडलाइन में हिंदी अक्षरों में अलग-अलग फॉन्ट को देखा जा सकता हैं. "यौन" और "मौलवी" शब्द के लिए अलग-अलग फॉन्ट हैं. अगर बारीकी से देखा जाए, तो "मौलवी" शब्द को देखकर लगता है कि इसे अलग से जोड़ा गया है.
अमर उजाला ने इस घटना का एक ऑनलाइन रिपोर्ट वर्जन भी पब्लिश किया था. हमें दैनिक जागरण में भी उसी घटना की रिपोर्ट मिली, जो 2017 में प्रकाशित हुई थी.
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