हाल ही में मीडिया से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) के अपनी COVID-19 वैक्सीन वापस लेने के कदम पर निशाना साधा.
"वैक्सीन कंपनी कह रही है कि वह अपनी वैक्सीन वापस ले लेगी. आप ही बताइए, जो वैक्सीन ले चुके हैं उनसे आप वैक्सीन कैसे निकालेंगे. और फोटो गायब हो गई. फोटो क्यों गायब हो गई? अगर वैक्सीन ठीक थी तो वैक्सीन से फोटो क्यों हटा दिया ?"अखिलेश यादव, यूपी के पूर्व सीएम
इसके बाद अखिलेश यादव ने "डबल इंजन सरकार" के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोला. उनका 42 सेकंड लंबा भाषण समाजवादी पार्टी के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर सुना जा सकता था.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण और कांग्रेस पार्टी की राजस्थान उपाध्यक्ष विनीता जैन ने भी दावा किया कि वैक्सीन के 'खतरनाक साइड-इफेक्ट्स' के खुलासे के बाद इसे वापस ले लिया गया है.
ऐसा क्यों कहा गया है ?: हालिया रिपोर्टों के मुताबिक एस्ट्राजेनेका ने Vaxzevria नाम की अपनी कोविड वैक्सीन वापस ले ली है.
कंपनी ने स्वेच्छा से यूरोपीय संघ (EU) से अपना प्राधिकरण वापस ले लिया था.
एस्ट्राजेनेका ने भारत में वैक्सीन को 'कोविशील्ड' के रूप में निकाला था, जिसका प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने किया था.
एस्ट्राजेनेका के इस कदम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विवादों को जन्म दे दिया है, कई लोगों ने वैक्सीन के पहले से अज्ञात दुष्प्रभावों के बारे में अफवाहों को आगे बढ़ाया है.
क्या ये दुष्प्रभाव हाल ही में सामने आए थे?: कई मीडिया ऑउटलेट्स ने हाल ही में दावा किया कि एस्ट्राजेनेका ने "पहली बार" माना था उसके COVID वैक्सीन में कुछ दुष्प्रभाव थे जैसे कि बहुत ही दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) पैदा करना.
हालांकि टीम वेबकूफ ने पाया कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की जानकारी नई नहीं है.
जो पैकेजिंग इंसर्ट 2021 में जारी किया गया था, उसमें वैक्सीन के सभी जोखिमों को शामिल किया गया था, जिसमें स्पष्ट रूप से TTS के जोखिम के बारे में बताया गया था जो बहुत दुर्लभ है.
ज्यादा जानकारी के लिए नीचे दिया गया हमारा वीडियो देखें.
कब क्या हुआ ?: यहां उन घटनाओं का विवरण दिया गया है जो आपको यह समझने में मदद करेंगी कि एस्ट्राजेनेका ने इस साल मार्च में यूरोपीय आयोग में वैक्सीन वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया था. यह तब की बात है जब कंपनी की तरफ से "पहली बार" साइड इफेक्ट स्वीकार करने की खबरें चलने लगीं थीं.
अक्टूबर 2021: वैक्सीन के पैकेजिंग इंसर्ट में दुर्लभ संभावित दुष्प्रभावों के बारे में बताया गया है.
मार्च 2024: एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया है.
अप्रैल 2024: कई मीडिया आउटलेट्स के गलत रिपोर्टिंग के बाद दुर्लभ दुष्प्रभावों पर विवाद छिड़ गया (यह दुष्प्रभाव 2021 से पता थे लेकिन अदालत में फरवरी 2024 में स्वीकार किए गए थे.)
मई 2024: एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन वापस ले ली थी.
यूरोपीय आयोग में आवेदन: यूरोपीय आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर हमें जनवरी 2021 से अप्रैल 2024 तक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की टाइमलाइन देखी. नए अपडेट से पता चला कि वैक्सीन को 27 मार्च 2024 तक वापस ले लिया गया है.
अपडेट के आगे मौजूदा दस्तावेज में बताया गया है कि निकासी आवेदन आधिकारिक तौर पर 5 मार्च को आयोग को प्रस्तुत किया गया था.
इसमें आगे कहा गया है कि धारक के अनुरोध पर Vaxzevria -COVID-19 वैक्सीन के लिए "विपणन प्राधिकरण" वापस ले लिया गया है. यह वापसी 7 मई से प्रभावी होनी थी.
वापसी के बारे में कंपनी ने क्या कहा?: मेल पर द क्विंट के सवाल का जवाब देते हुए, एस्ट्राजेनेका ने पुष्टि की कि वापसी का वैक्सीन की सुरक्षा या यूनाइटेड किंगडम में मुकदमेबाजी से कोई संबंध नहीं था.
वैश्विक महामारी को खत्म करने में Vaxzevria द्वारा निभाई गई भूमिका पर हमें अविश्वसनीय रूप से गर्व है. स्वतंत्र अनुमान के अनुसार, अकेले इस्तेमाल के पहले वर्ष में 6.5 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर तीन बिलियन से ज्यादा डोज की सप्लाई की गई."एस्ट्राजेनेका
कंपनी ने आगे बताया कि कई COVID-19 की कई वैक्सीन बना ली गई हैं, जिसके कारण मौजूदा अपडेटेड वैक्सीन की संख्या बढ़ गई है. इस वजह से Vaxzevria की मांग में गिरावट आई है और अब इसका निर्माण या सप्लाई नहीं की जा रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?: हमने वरिष्ठ चिकित्सक और वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया से बात की, जिन्होंने वायरल दावे का खंडन किया है. उन्होंने कहा, "फिलहाल वैक्सीन की कोई मांग नहीं है. ज्यादातर देशों में तीसरी खुराक के अलावा अतिरिक्त शॉट की कोई जरुरत नहीं है. और तीसरा, कोई सार्वजनिक मांग नहीं है."
डॉ लहरिया ने कहा कि इसकी वापसी का संबंध साइड-इफेक्ट के बजाय वैक्सीन की कम मांग से है.
फिर उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को "पहली बनी हुई वैक्सीन कहा जाता है."
डॉ लहरिया ने कहा कि जब से वायरस में बदलाव हुआ है और इसके नए वेरिएंट के उभरने के साथ इन टीकों की प्रभावशीलता कम हो गई है.
डॉक्टर ने आगे कहा कि MRN टीकों को आसानी से बदला जा सकता है, हालांकि, वायरल वेक्टर-आधारित टीके (जैसे एस्ट्राजेनेका का टीका) को अपडेट या बदला नहीं किया जा सकता है.
एडिटर नोट: हालांकि चुनावों से पहले एक दूसरे पर कीचड़ उछालना आम बात है, लेकिन COVID-19 वैक्सीन जैसे जीवन रक्षक टीकों का राजनीतिकरण जनता के बीच अनावश्यक घबराहट पैदा कर सकता है और भविष्य की दवाओं पर भरोसा कम कर सकता है.
निष्कर्ष: ये दावा गलत है कि साइड इफेक्ट की बात स्वीकार करने के बाद एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन वापस ले ली. इसका पूरा संदर्भ नहीं बताया जा रहा.
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