हरियाणा के बरोदा में ‘EVM की कथित हैकिंग’ करते हुए ‘पकड़े’ गए एक लड़के का वीडियो, हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों का बताकर शेयर किया जा रहा है.
गोहाना के एएसपी, उदय सिंह मीणा ने क्विंट को कंफर्म किया है कि ये वीडियो बरोदा का ही है.
दावा
इस वीडियो के साथ तमिल भाषा में दावा किया गया, “बिहार चुनावों में, संगीता, जो कि EVM मशीन को हैक करते पकड़ा गया, 2 मिनट में 8,000 तक वोट डाल सकता है.”
क्विंट को ये सवाल उसकी WhatsApp हेल्पलाइन पर भी मिला.
हमें जांच में क्या मिला?
वीडियो के शुरुआत में, वीडियो शूट कर रहे शख्स को ये कहते सुना जा सकता है कि वो लड़के को ‘रूखी गांव’ में ‘EVM हैक’ करते पकड़ा गया.
इससे संबंधित कीवर्ड सर्च करने के बाद, हमें अमर उजाला का एक आर्टिकल मिला, जिसमें रिपोर्ट किया गया है कि बरोदा उपचुनाव के दौरान, "एक युवक मशीन से वोटर स्लिप निकाल रहा था और उसने मोबाइल वाईफाई की मदद से मशीन को कनेक्ट किया था."
गांव के कुछ लोगों ने उसपर फेक वोट डालने का आरोप लगाया. हालांकि, बाद में जांच में पता चला कि मशीन एक ई-वोटर स्लिप मशीन थी.
हरियाणा के दो स्थानीय रिपोर्टरों ने क्विंट को कंफर्म किया कि वीडियो बरोदा का ही है, और जांच में किसी तरह की कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई थी.
गोहाना के एएसपी, उदय सिंह मीणा ने क्विंट को कंफर्म किया कि घटना बरोदा की है और जांच में दावा 'झूठा' पाया गया. उन्होंने कहा,
“कुछ उपद्रवियों ने यह खबर फैलाई कि वोटर स्लिप प्रिंट करने के लिए जिस प्रिंटर का इस्तेमाल किया जा रहा था, उसका इस्तेमाल ईवीएम को हैंग/हैक करने के लिए किया जा रहा था. राजनीतिक दलों के सदस्यों के सामने इंजीनियरों द्वारा वेरिफाई किया गया और पाया गया कि दावा झूठा है.”
इससे साफ होता है कि हरियाणा के बरोदा के एक वीडियो को बिहार चुनाव में EVM फ्रॉड का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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