सोशल मीडिया पर वायरल एक मैसेज में दावा किया जा रहा था कि कर्नाटक में वेलागवी के 19 साल के लड़के शिबू उप्पर को गो तस्करों ने मार कर फांसी पर लटका दिया. इस मैसेज में दावा किया जा रहा था कि वह गोरक्षक था इसलिए गायों की तस्करी करने वालों ने उसका कत्ल कर दिया. इस मैसेज को कर्नाटक की बीजेपी सांसद शोभा करांदलजे ट्विटर पर शेयर कर दिया है और उसके बाद यह 3 हजार बार शेयर हो गया.
इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर बीजेपी लीडर सी टी रवि ने समेत कई यूजर्स ने शेयर किया. इन लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर दावा किया कि यह लड़का गायों को बचाता था इसलिए इसकी हत्या की गई.
सिर्फ रवि ही नहीं . इसे बाद में कई बीजेपी समर्थकों और नेताओं ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. इससे इस बारे में काफी भ्रम फैल गया. लोग मानने लगे कि शिबू की हत्या गो तस्करों ने ही की है.
दावा सही या गलत?
वायरल मैसेज में किए गए दावे गलत हैं. गोरक्षा के लिए इस लड़के की हत्या गो तस्करों ने नहीं की थी. यह आत्महत्या का मामला था, जिसकी बाद में पुष्टि भी हो गई.
हमें जो पता चला?
बेलागवी के पुलिस कमिश्नर लोकेश कुमार ने द क्विंट से कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक लड़के पर कोई हमला नहीं हुआ था. यह साफ तौर पर सुसाइड का केस था. उन्होंने कहास मैं लोगों से अपील करता हूं कि सोशल मीडिया पर फैलाए गए अफवाह से गुमराह न हों
द न्यूज मिनट के मुताबिक बाद में बेलागवी के एमपी सुरेश अंगादी, शोभा करांदलजे और सीटी रवि ने यह ट्वीट हटा दिया. द न्यूज मिनट की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने अर्जुन एमबी और फकीरप्पा रमेश तलवार को इस मामले में फेक न्यूज पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने शिबू की मौत के बारे में गलत दावे पोस्ट किए थे.
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