पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1971 की सैनिकों को संबोधित करते हुए एक तस्वीर को कांग्रेस के कई सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर किया गया. लेकिन इस फोटो को शेयर करते हुए दावा किया गया कि ये तस्वीर उसी जगह की है जहां 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है.
लेकिन हमारी जांच में हमें पता चला कि ये फोटो गलवान घाटी की नहींं बल्कि लेह की है.
दावा
दिल्ली कांग्रेस के उपाध्यक्ष अली मेहदी ने इंदिरा गांधी की एक फोटो ट्वीट की और दावा किया कि ये फोटो गलवान घाटी की है जहां इंदिरा गांधी भारतीय सेना के जवानों को संबोधित कर रही हैं.
इसी तस्वीर को यूथ कांग्रेस और यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया. हालांकि उन्होंने अब करेक्शन ट्वीट डाल दिया है.
हमें क्या मिला?
हमने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें art-sheep नाम की एक वेबसाइट मिली, जिस पर ये तस्वीर इस कैप्शन के साथ थी- “One of the rare pictures of former Prime Minister late Indira Gandhi addressing jawans in Leh in 1971.” (प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1971 में लेह में जवानों को संबोधित करते हुए दुर्लभ तस्वीर)
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूम को एक ट्वीट मिला जिसमें फोटो का सोर्स ‘PTI Photo/ Courtesy DPR Defence’ बताया गया था. इसलिए हमने पीटीआई के फोटो आर्काइव में “Indira Gandhi Leh” कीवर्ड से सर्च किया. पीटीआई पर हमें वायरल तस्वीर इस कैप्शन के साथ मिली- “**EDS: FILE PHOTO** New Delhi: In this undated file photo former prime minister late Indira Gandhi addresses jawans in Leh, in 1971. (DPRO/PTI Photo)(PTI22-06-2020_000166B) (sic)”
कैप्शन से साफ होता है कि ये लेह की तस्वीर है न कि गलवान घाटी की.
ध्यान देने की बात ये है कि लेह और गलवान घाटी के बीच की दूरी 219 किमी की है और लेह से गलवान का सफर तय करने में 6 घंटे का समय लगता है.
साफ है कि इंदिरा गांधी की जवानों को संबोधित करने वाली फोटो लेह की है जो 1971 में खींची गई. इसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया गया.
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