(जिंगल सुनने से पहले आपसे एक अपील है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए हम एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर संसाधनों का इस्तेमाल होता है. हम ये काम जारी रख सकें इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करें. आपके सपोर्ट से ही हम वो जानकारी आप तक पहुंचा पाएंगे जो बेहद जरूरी हैं.
धन्यवाद - टीम वेबकूफ)
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही इसे लेकर भ्रामक और गलत खबरें शेयर होने लगीं. इन फेक खबरों के निशाने पर न सिर्फ कोरोना बीमारी से जुड़ी झूठी खबरें थीं, बल्कि कोरोना (Corona) से निपटने के सबसे कारगर तरीके कोविड वैक्सीन से जुड़ी झूठी खबरें वायरल होने लगीं. जिससे लोगों में वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) के प्रति डर बढ़ गया और कई लोग वैक्सीन लगवाने से हिचकने लगे.
क्विंट ने इस जिंगल के जरिए, ये बताने की कोशिश की है कि कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लें और इससे जुड़ी अफवाहों से बचें.
कोरोना से जुड़ी सभी सावधानियां बरतें और न करें गलत सूचनाओं पर भरोसा
सोशल मीडिया से मिली किसी भी झूठी और भ्रामक खबर पर न करें भरोसा.
कोरोना से जुड़ी सभी सावधानियों का करें पालन, जैसे मास्क पहनें और हाथ धुलें.
कोरोना के बारे में सही सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.
वैक्सीन पर भरोसा करें, इससे जुड़ी भ्रामक जानकारी के झांसे में न आएं. कोरोना वैक्सीन से मौत जैसी किसी भी खबर पर भरोसा न करें.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी Webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )
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