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ट्रंप के जरिए सबसे ज्यादा फैलीं कोरोना पर गलत जानकारियां: स्टडी

स्टडी में कोरोना वायरस संबंधित झूठी खबर पर 11 टॉपिक को पहचाना गया

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न्यू यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की एक स्टडी में पता चला है कि पूरी दुनिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जरिए सबसे ज्यादा कोरोना वायरस पर झूठी खबर फैली हैं.

स्टडी दुनियाभर में अंग्रेजी भाषा की मीडिया में छपे 38 मिलियन आर्टिकल के आकलन पर आधारित है. इसमें पता चला कि 'झूठी खबरों की बातचीत में ट्रंप का जिक्र करीब 38 प्रतिशत हुआ है.'

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स्टडी में कोरोना वायरस संबंधित झूठी खबर पर 11 टॉपिक को पहचाना गया. इनमें कई कॉन्सपिरेसी थ्योरी भी शामिल हैं. स्टडी में पता चला कि ‘चमत्कारी इलाज’ का टॉपिक सबसे ज्यादा प्रचलित था और इसमें ट्रंप का मलेरिया के ड्रग को समर्थन देना और डिसइंफेक्टेंट को इलाज की तरह इस्तेमाल करने की थ्योरी भी शामिल थी.

न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साराह एवनेगा ने कहा, "सबसे ज्यादा हैरानी की बात थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति के जरिए कोरोना वायरस संबंधित झूठी खबरें सबसे ज्यादा फैली हैं." साराह एवनेगा स्टडी की लीड ऑथर हैं और कॉर्नेल अलायन्स फॉर साइंस की डायरेक्टर भी हैं.

रिसर्च का मकसद पारंपरिक मीडिया में झूठी खबरों को पहचानना था. इसमें झूठी खबरों का भंडाफोड़ करने वाले फैक्ट-चेकिंग आर्टिकल भी शामिल थे.

रिसर्चर्स ने पाया कि वायरस संबंधित सभी झूठी जानकारियों में 46 फीसदी हिस्सा कॉन्सपिरेसी थ्योरी का है.

अमेरिका में संक्रामक बीमारियों के सबसे बड़े डॉक्टर एंथनी फॉसी से संबंधित 11,000 झूठी जानकारियों वाले आर्टिकल थे. 2,95,000 आर्टिकल में चमत्कारी इलाज बताए गए और 6,000 से ज्यादा में महामारी की शुरुआत चमगादड़ के सूप से बताई गई.

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