ADVERTISEMENTREMOVE AD

न तो चुनाव आयोग ने कबूली EVM बदले जाने की बात, न ही फिर से होंगे यूपी में चुनाव

भ्रामक थंबनेल का इस्तेमाल कर फैलाया जा रहा झूठ. कई यूट्यूब चैनल इस्तेमाल कर रहे झूठ फैलाने का ये तरीका

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनावों (UP Elections) के परिणाम 10 मार्च को घोषित हुए हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है कि यूपी में 142 सीटों में फिर से चुनाव होंगे और चुनाव आयोग (ECI) ने स्वीकार किया है कि EVM बदली गई हैं.

हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट एक यूट्यूब वीडियो का थंबनेल है, जिसके जरिए गलत दावा किया गया है. न तो 142 सीटों पर फिर से चुनाव होने से जुड़ा कोई बयान ECI की ओर से दिया गया है और न ही EVM में गड़बड़ी जैसी कोई भी बात ECI ने की है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दावा

वायरल स्क्रीनशॉट में News 24 के एंकर संदीप चौधरी की फोटो का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा स्क्रीन पर ये टेक्स्ट लिखा हुआ है, ''चुनाव आयोग ने कबूला EVM बदले जाने की बात...142 सीटों पर फिर होंगे चुनाव...छिन सकती है योगी से मुख्यमंत्री की कुर्सी.''

भ्रामक थंबनेल का इस्तेमाल कर फैलाया जा रहा झूठ. कई यूट्यूब चैनल इस्तेमाल कर रहे झूठ फैलाने का ये तरीका

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

ये स्क्रीनशॉट फेसबुक के साथ-साथ ट्विटर पर भी वायरल है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने ''चुनाव आयोग ने कबूला EVM बदले जाने की बात'' कीवर्ड का इस्तेमाल कर गूगल पर साधारण सा कीवर्ड सर्च किया. हमें 'Nation TV' नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसमें वही थंबनेल इस्तेमाल किया गया था जो वायरल हो रहा है. (वायरल स्क्रीनशॉट पर भी Nation TV का लोगो देखा जा सकता है). इसका टाइटल था, ''चुनाव आयोग ने कबूला EVM बदले जाने की बात 142 सीटों पर फिर होंगे चुनाव छिन सकती है योगी की कुर्सी!''

13 मार्च 2022 को अपलोड किए गए इस वीडियो को हमने ध्यान से देखा. वायरल वीडियो में थंबनेल में जिस एंकर की फोटो का इस्तेमाल किया गया है वो कहीं भी पूरे वीडियो में नहीं दिखे. इसके अलावा, वीडियो की शुरुआत में दो लोग आपस में बात करते हुए सुनाई दे रहे हैं.

2 मिनट 13 सेकंड के इस वीडियो में एक महिला का वॉयसओवर भी चल रहा है. हालांकि, वीडियो में 142 सीटों में चुनाव जैसी कोई बात नहीं की गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इसके बाद हमने Nation TV के वीडियो सेक्शन में जाकर देखा. हमने पाया कि इस चैनल में सिर्फ यही वीडियो ऐसे भ्रामक थंबनेल का इस्तेमाल कर नहीं अपलोड किया गया है. बल्कि करीब-करीब हर वीडियो में ऐसे ही भ्रामक थंबनेल का इस्तेमाल किया गया है, ताकि व्यूज बढ़ाए जा सके.

भ्रामक थंबनेल का इस्तेमाल कर फैलाया जा रहा झूठ. कई यूट्यूब चैनल इस्तेमाल कर रहे झूठ फैलाने का ये तरीका

आर्काइव लिंक यहां पर है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/यूट्यूब)

हमने चैनल पर मौजूद दूसरे वीडियोज पर भी जाकर देखा. कुछ में झूठा दावा किया गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने EVM बैन पर मुहर लगा दी है, तो किसी में एंकर रबीश कुमार की फोटो का इस्तेमाल कर दावा किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने EVM बैन पर मुहर लगा दी है. कई वीडियो वायरल दावे से मिलते-जुलते थंबनेल का इस्तेमाल कर अपलोड किए गए हैं, बस सीटों की संख्या में बदलाव कर दिया गया है. 17 मार्च को अपलोड किए गए एक वीडियो के थंबनेल में बताया गया था कि 152 सीटों पर फिर से चुनाव होंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

हमने EVM बैन और यूपी में फिर से चुनाव से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट्स भी तलाशने की कोशिश की. लेकिन ऐसी न तो कोई न्यूज रिपोर्ट मिली और न ही किसी का आधिकारिक बयान. हमने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) की वेबसाइट भी खंगाली, लेकिन हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली जैसा कि दावा किया जा रहा है.

मतलब साफ है कि ज्यादा व्यूज के लिए Nation TV नाम के यूट्यूब हैंडल से भ्रामक और गलत थंबनेल का इस्तेमाल किया जा रहा है और ये झूठा दावा किया जा रहा है कि यूपी में फिर से चुनाव होंगे और चुनाव आयोग ने EVM में गड़बड़ी को स्वीकारा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ज्यादा व्यूज के लिए कई चैनल करते हैं इस तरह के थंबनेल का इस्तेमाल

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब गलत थंबनेल का इस्तेमाल कर वीडियो अपलोड किए जाते हैं. क्विंट की वेबकूफ टीम ने इसके पहले ऐसे ही कई यूट्यूब हैंडल्स की पड़ताल भी की है, जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं.

क्या तरीके अपनाते हैं ये हैंडल फेक खबरों के फैलाने के लिए

Nation TV के ज्यादातर वीडियोज कई-कई लाख बार देखे गए हैं. इसके लिए, ये किसी बड़े एंकर की फोटो का इस्तेमाल करते हैं, ताकि लोग उसे देखते ही भरोसा कर लें. हालांकि, उस वीडियो में उस एंकर को दिखाया भी नहीं जाता और अगर दिखाया भी जाता है तो भी उनको किसी और मुद्दे पर बोलते हुए देखा जा सकता है.

थंबनेल को ऐसा रखते हैं कि लोग उसे देखते ही क्लिक कर दें जैसे कि Nation TV में अपलोड वीडियोज के थंबनेल देखकर साफ होता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दुनियाभर के फैक्टचेकर्स लिख चुके हैं यूट्यूब को खुला पत्र

फैक्ट चेकर्स ने यूट्यूब पर हो रहे दुष्प्रचार को रोकने के लिए चार मोर्चों पर एक्शन लेने की मांग की है, साथ ही इससे निपटने के लिए जिन नीतियों पर काम हो रहा है उनमें पारदर्शिता लाने की भी मांग है. इसलिए, 20 देशों के 80 से ज्यादा फैक्टचेकर्स यूट्यूब को खुला पत्र भी लिख चुके हैं.

फैक्ट चेकिंग संस्थाओं ने यूट्यूब को पत्र लिखकर अपनी पॉलिसीज में फेक न्यूज से संबंधित सही कदम उठाने के लिए जोर दिया था क्योंकि यूट्यूब के जरिए फेक न्यूज फैलाकर बहुत से फेक न्यूज पैडलर्स फंड इकट्ठा कर रहे हैं. लेकिन यूट्यूब ने अभी तक इस तरह के पेडलर्स की पहचान कर उनके ऊपर कार्रवाई करने से जुड़ी कोई खास पॉलिसी नहीं बनाई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×