क्या आपने सुना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाय चंद्रचूजड (DY Chandrachud) को चेतावनी दी है ?
सुना हो, या ना सुना हो
ये खबर सच नहीं बल्कि पूरी तरह एक मनगढ़ंत कहानी है. और ऐसी झूठी खबरों को लाखों सब्सक्राइबर वाले न्यूज चैनल दिन की बड़ी खबरों के तौर पर पेश करते हैं.
सिर्फ CJI ही नहीं, क्रिकेटर विराट कोहली को लेकर भी भ्रामक दावे किए जाते हैं कि उनके और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर के बीच गाली - गलोच हुई थी. यही नहीं, अपराधिक घटनाओं में भी गलत फैक्ट्स बताकर ये चैनल लोगों को भ्रमित करते हैं. मसलन श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में ये झूठा दावा किया गया कि आरोपी पारसी समुदाय से है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और CJI चंद्रचूड़ से जुड़ा एक भ्रामक दावे करता वीडियो Only News 24x7 नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया था. इस चैनल के रिपोर्ट लिखे जाने के वक्त 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. और CJI से जुड़े दावे करता वीडियो इस चैनल पर बार-बार अपलोड किया जाता है.
सिर्फ कंटेंट ही नहीं, इस चैनल पर वीडियो भ्रामक हेडलाइन और भ्रामक थंब टेक्स्ट के साथ अपलोड किए जाते हैं. थंब यानी यूट्यूब वीडियो के ऊपर लगाई जाने वाली वो तस्वीर, जिसे देखकर आप वीडियो पर क्लिक करते हैं.
इन वीडियोज पर आने वाले कमेंट्स को पढ़कर ये अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं कि लोग इसके कंटेंट को गंभीरता से लेते हैं और सच मानते हैं.
क्विंट हिंदी की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ की इस खास पड़ताल में हम इस चैनल के साथ यूट्यूब पर फेक न्यूज फैलाने वाले अन्य चैनलों के बारे में भी बताएंगे, जिससे आपको भी अंदाजा हो सके कि जिसे आप न्यूज समझ रहे हैं वो असल में व्यूज बटोरने के लिए किया जा रहा झूठ का कारोबार है. इनमें से कुछ तो चैनल को सपोर्ट करने के लिए दर्शकों से फंडिंग की डिमांड भी करते हैं. यानी फेक न्यूज फैलाने के लिए ये दर्शकों से ही फंडिंग भी जुटा रहे हैं.
किन तरीकों से यूट्यूब पर फैलती हैं भ्रामक सूचनाएं ?
वेबकूफ टीम ने अपनी पड़ताल में उन हथकंडों का पता लगाया, जिनके जरिए ये चैनल पहले आसानी से दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं. फिर जब दर्शक इनके वीडियोज को देखने लगते हैं या फिर चैनल को सब्सक्राइब करते हैं तो ये उन्हें न्यूज के रूप में फेक न्यूज का डोज देते हैं.
पैंतरा नं 1 - सनसनीखेज थंबनेल, जिसमें कुछ ऐसा दिया गया हो जो खबर में नहीं. थंबनेल यानी की यूट्यूब वीडियो के ऊपर चस्पा की जाने वाली फोटो. अब चूंकि वर्ल्डकप चल रहा है तो क्रिकेटर्स से जुड़ी फेक न्यूज के उदाहरण से ही समझिए.
अब फैक्ट ये है कि गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच ये टकराव साल 2013 के IPL मैच के दौरान हुआ था. गंभीर का आरोप था कि विराट और उनके साथी खिलाड़ियों ने नवीन-उल हक के साथ बदतमीजी की. लेकिन ये लड़ाई सीधे तौर पर विराट और गंभीर की थी ही नहीं.तो इस तरह की गाली गलोच का सवाल ही नहीं उठता.
गंभीर ने कई मीडिया इंटरव्यू में इस टकराव के बारे में खुलकर बताया है और उसमें ऐसा कोई जिक्र नहीं जो इस थंब में दिखाया गया है.
जिस चैनल पर ये दावा किया गया, उसका नाम है YouNews Live. 2.87 लाख सब्सक्राइबर वाले इस चैनल पर असली घटनाओं से जुड़े मामले को गलत रंग से पेश करते दावे किए जाते हैं.
दिल्ली के श्रद्धा वॉकर मर्डर केस में आरोपी आफताब के पारसी धर्म के होने का झूठा दावा भी यहां किया गया. आरोपी का गलत धर्म बताकर जबरन उसका संबंध रतन टाटा के साथ स्थापित करने की कोशिश की गई है. जबकि असल में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है.
ऐसे भ्रामक दावों के एक नहीं कई उदाहरण इस चैनल पर देखे जा सकते हैं. इस चैनल के कुछ वीडियो के थंब में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की एडिटेड फोटो भी इस्तेमाल की गई है.
(स्क्रीनशॉट देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)
थम्बनेल में भ्रामक दावे किए जाने का एक और उदाहरण ये रहा, जहां लिखा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लॉन्च हो चुका है. ताज्जुब और चिंता की बात ये है कि ऐसे भ्रामक थंबनेल वाले वीडियो को 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. और ये दावा किया गया है Gaurav Thakur नाम के यूट्यूब चैनल पर जिसके पूरे 5.50 लाख सब्सक्राइबर हैं.
इस चैनल पर खबरों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है. इजरायल - फिलिस्तीन युद्ध के बीच कहीं ये दावा किया जा रहा है कि इजरायल ने तीसरे विश्व युद्ध का ऐलान कर दिया, तो कहीं ये कहा जा रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो चुका है.
19 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर वाले एक और चैनल DLS की तरफ से अपलोड किए गए वीडियो के टाइटल और थंब में दावा किया गया कि मोदी सरकार ने कुछ नए सख्त नियम लागू किए गए हैं. वहीं इस वीडियो के अंदर ऐसे किसी नए नियम का जिक्र नहीं, सिर्फ पुराने नियमों की जानकारी दी गई है.
भ्रामक थंबनेल देखकर या फिर भ्रामक हेडलाइन देखकर कहीं आप भी किसी झूठी खबर को सच तो नहीं मानते? अगर इस तरह की फेक न्यूज से बचना चाहते हैं तो देखिए इस टॉपिक पर हमारा ये खास वीडियो.
पैंतरा नं 2 - मनगढ़ंत बातों को खबर की तरह पेश करना - यूट्यूब के फेक न्यूज पेडलर्स का दूसरा हथकंडा है मनगढ़ंत दावों का खबर का रूप देना. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाय चंद्रचूड़ को राष्ट्रपति की तरफ से दिए गए अल्टीमेटम की झूठी खबर.
ऐसी कोई रिपोर्ट किसी विश्वसनीय मीडिया प्लेटफॉर्म पर है ही नहीं जिससे पुष्टि होती हो कि राष्ट्रपति की तरफ से CJI को पत्र लिखकर इस्तीफा मांगा गया है.
हाल में खबर आई की दिल्ली की पुरानी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है. अब इस खबर को तूल देते हुए कुछ भ्रामक दावे भी किए जाने लगे. लगातार फेक न्यूज फैलाने वाले कुछ चैनलों पर ये दावा किया गया कि केजरीवाल ने ED के सामने सरेंडर कर दिया है. जबकि आधिकारिक तौर पर ऐसी कोई खबर नहीं आई है.
ये दावे उसी Only News 24x7 चैनल पर किए गए हैं, जिसका जिक्र हमने इस स्टोरी की शुरुआत में किया. चैनल की तरफ से किए गए कुछ भ्रामक दावों के उदाहरण ये रहे. इस चैनल ने देश भर से आरक्षण खत्म होने तक का दावा कर डाला.
(स्क्रीनशॉट देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)
ऐसे ही निराधार दावे करने वाले चैनल है SM Headlines, जिसके 52 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. पिछले साल ये दावा किया गया था कि 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बीजेपी के 1100 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
एक तरफ केजरीवाल के सरेंडर का झूठा दावा तो दूसरी तरफ ये झूठ फैलाया जा रहा है कि मनीष सिसोदिया को अदालत ने हमेशा के लिए रिहा कर दिया है और ED को फटकार लगाई गई है.
इस चैनल पर मनीष सिसोदिया की रिहाई और ED को कोर्ट से फटकार जैसे भ्रामक दावे किए जाते हैं. यही नहीं, इस चैनल पर फेक न्यूज फैलाने की एवज में दर्शकों से पैसे की मांग भी की जाती है. ये दावा तक किया जाता है कि केजरीवाल 2024 चुनाव के लिए विपक्ष का नेतृत्व करेंगे.
(स्क्रीनशॉट देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)
पैंतरा नं 3 - कॉन्सपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा देते वीडियो : ऐतिहासिक नेताओं को लेकर फैलने वाली उन मनगढ़ंत कहानियों को बढ़ावा देने पर भी ये चैनल पीछे नहीं हैं जो मशहूर लोगों के चरित्र पर सवाल उठाते हैं बिना किसा सबूत के. फिर चाहे वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हों या फिर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के परिवार को लेकर किए जाने वाले आपत्तिजनक दावे.
कॉन्सपिरेसी थ्योरी फैलाने वाला एक और चैनल हमें मिला, नाम था Important knowledge and facts videos(nkv). नॉलेज और फैक्ट्स के नाम पर बनाए गए 72 हजार फॉलोवर वाले इस चैनल पर शॉर्ट वीडियो शेयर किए जाते हैं. ऐतिहासिक नेताओं के नाम पर ऐसे बयान शेयर होते हैं जिनका कोई सबूत नहीं. उदाहरण के तौर पर नेहरू के नाम पर शेयर किया गया ये बयान, जिसकी पड़ताल क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ कर चुकी है.
क्यों भ्रामक दावों के जाल में फंस जाते हैं यूजर, और इसका क्या असर हो सकता है ?
जिन चैनलों की हमने पड़ताल की उनके वीडियो पर आए इन कमेंट्स को पढ़िए, क्या ऐसा नहीं लगता कि लोग इसपर अपलोड किए गए कंटेंट को सच मानकर फॉलो कर रहे हैं ?
(स्क्रीनशॉट देखने के लिए दाईं और स्वाइप करें)
फेक न्यूज फैलाने वाले प्लेटफॉर्म्स को लेकर मनवोज्ञैनिक श्रद्धा मिलक कहती हैं ''ऐसे प्लेटफॉर्म मशहूर लोगों को लेकर आम यूजर्स की जिज्ञासा का फायदा उठाते हैं. सनसनीखेज खबरों को लेकर लोगों के मन में आकर्षण होता है, यही वजह है कि ऐसी खबरें ज्यादा तेजी से फैलती हैं. ''
यही नहीं, गलत सूचनाओं को लगातार सच मानते रहने का गलत असर आपकी मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है.
फेक न्यूज आपकी चिंता बढ़ा सकती है. आपके अंदर अपर्याप्तता की भावना पैदा कर सकती हैं और रियलिटी से कनेक्ट होने की भावना पैदा करती है. मनगढ़ंत कहानियों पर लगातार यकीन करते रहने से तनाव बढ़ता है और आप डिप्रेशन के शिकार भी हो सकते हैं. खासकर वह लोग जो मानसिक रूप से उतने स्वस्थ्य नहीं हैं.श्रद्धा मलिक, मनोवैज्ञानिक
(भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाले ऐसे कई चैनल यूट्यूब ने वेरिफाई भी किए हैं. हमने इनके वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जानने के लिए और इनपर क्या एक्शन लिया जाता है ये पूछते हुए यूट्यूब से संपर्क किया है. यूट्यूब का जवाब आने पर इस रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा)
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9540511818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)