सोशल मीडिया पर कई लोग केरल में हुई प्रेग्नेंट हथिनी की मौत के मामले में मोहम्मद अमजत अली और तमीम शेख के गिरफ्तार होने की बात लिख रहे हैं.
हालांकि क्विंट कंफर्म कर सकता है कि ये दावा झूठा और सांप्रदायिक है. इस मामले में एक विल्सन नाम के शख्स गिरफ्तारी हुई है.
दावा
सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज में लिखा है कि मोहम्मद अमजत अली और तमीम शेख नाम के दो लोग हथिनी को मारने के मामले में गिरफ्तार हुए हैं. ये दावा केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री के मीडिया एडवाइजर अमर प्रसाद रेड्डी ने शेयर किया था. बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया.
इस दावे को शेयर करने वालों में सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल और टीवी एंकर दीपक चौरसिया भी हैं.
ये दावा फेसबुक पर भी शेयर हो रहा है.
हमें क्या मिला?
क्विंट ने प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (वाइल्डलाइफ) और चीफ वाइल्डलाइफ वॉर्डन सुरेंद्र कुमार से बात की, जिन्होंने कंफर्म किया कि इस मामले में सिर्फ एक गिरफ्तारी हुई है और उस शख्स का नाम विल्सन है.
हमने डिस्ट्रिक्ट पुलिस चीफ जी शिवा विक्रम से भी बात की. उन्होंने कहा, "हमने उन मुसलमान लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है. हमने विल्सन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है."
विक्रम ने ये भी कहा कि अभी तक कोई और गिरफ्तारी नहीं हुई है.
साफ है कि दोनों मुस्लिम शख्सों का नाम सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के इरादे से हो रहा है. लेकिन इस तरह की भ्रामक जानकारी की पहली घटना नहीं है.
मलप्पुरम को टारगेट करने के लिए भ्रामक दावों का इस्तेमाल
प्रेग्नेंट हथिनी की मौत पर लोगों ने जानवरों के साथ निर्दयता को लेकर रोष जाहिर किया. हालांकि कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने के लिए झूठा दावा किया कि ये घटना केरल के मलप्पुरम में हुई है. जबकि असल में घटना पलक्कड़ जिले में हुई है. मलप्पुरम राज्य का अकेला मुस्लिम बहुल जिला है.
इस दावे का शिकार केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और बीजेपी संसद मेनका गांधी भी हुए.
मलप्पुरम को लेकर झूठे दावे के अलावा मेनका गांधी ने ये भी कहा कि 'केरल में हर साल 600 हाथी मारे जाते हैं.' ये दावा भी झूठा है. इस मामले को लेकर मेनका गांधी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है.
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