सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, दावा किया जा रहा है कि ये सरदार मोहन सिंह (Sardar Mohan Singh) हैं, जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के लिए लड़ाई लड़ी थी. दावे में आगे कहा गया है कि युद्ध जीतने के बाद इन्होंने लड़ाई में रंगून में 50 हजार से ज्यादा अंग्रेजी फौज के सैनिकों को मार गिराया जिसके बाद अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए.
क्या यह दावा सही है ? नहीं, यह दावा सच नहीं है. फोटो में नजर आ रहे शख्स का नाम सरदार मोहन सिंह तो है, लेकिन इनका आजाद हिंद फौज से कोई वास्ता नहीं है, ना ही यह कभी भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं.
फोटो में नजर आ रहे सरदार मोहन सिंह मॉडर्न सीनियर सेकेंड्री स्कूल, पटियाला के फाउंडर रहे हैं. उन्होंने भारत की आजादी के तुरंत बाद 1948 में इस स्कूल की शुरुआत की थी.
1954 से 1955 तक सरदार साहब मुंबई में न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के विशेष सलाहकार रहे. इसके बाद 1956 में वे नई दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक के उप महाप्रबंधक बने.
सरदार मोहन सिंह का 8 नवंबर 1968 को 64 वर्ष की आयु में नई दिल्ली में निधन हो गया था. यह सच है कि कैप्टन जनरल मोहन सिंह, ब्रिटिश-भारतीय सेना के एक अधिकारी रहे हैं, लेकिन वायरल फोटो में दिख रहे शख्स वह नहीं है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमनें इस फोटो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया, तो हमें MODERN SENIOR SECONDARY SCHOOL, Patiala की आधिकारिक वेबसाइट मिली. यहां फाउंडर सेक्शन में इन्हीं की तस्वीर लगी थी और इनकी पूरी Biography मौजूद थी.
हमनें इनकी पूरी Biography ध्यान से पढ़ी. बायोग्राफी में कहीं भी ये जिक्र नहीं था कि सरदार मोहन सिंह कभी भारतीय सेना या आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहे हों.
मोहन सिंह कौन थे ? कैप्टन जनरल मोहन सिंह ब्रिटिश-भारतीय सेना में अधिकारी थे. इस सरकारी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आजादी से पहले बनी Indian National Army, जिसे आज़ाद हिंद फ़ौज के नाम से भी जाना जाता है. इसे 1942 में भारतीयों ने भारत को आजाद करने के लिए इंपीरियल जापानी सेना की मदद से बनाया था. यह एक सशस्त्र बल था. जनरल मोहन सिंह ने ही इस विचार को आगे बढ़ाया था. बाद में इसका नेतृत्व सुभाष चंद्र बोस ने किया था.
भारतीय राष्ट्रीय सेना (Indian National Army) की स्थापना और नेतृत्व करने वाले मोहन सिंह के बारे में हमें The Tribune का एक आर्टिकल मिला जिसे आप यहां पढ़ सकते हैं.
निष्कर्ष: वायरल दावे के साथ शेयर की जा रही तस्वीर आजाद हिंद फौज के संस्थापक जनरल मोहन सिंह की नहीं है, बल्कि मॉर्डन स्कूल के संस्थापक की है.
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