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अमेरिका में सनातन धर्म को 'सर्वश्रेष्ठ' बताने वाला कोई प्रस्ताव नहीं हुआ पास

Fake News: ये प्रस्ताव ''हिंदू विरोधी कट्टरता'' से जुड़ा है. इसमें हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ नहीं कहा गया.

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सोशल मीडिया पर कई यूजर्स एक टेक्स्ट मैसेज शेयर कर रहे हैं, जिसमें बताया गया है कि अमेरिका (America) के जॉर्जिया में हिंदू धर्म (Hinduism) या सनातन धर्म से जुड़ा एक प्रस्ताव पारित किया है.

इसमें लिखा है, ''अमेरिका में जॉर्जिया के सदन में प्रस्ताव पास, सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन, सहिष्णु और सर्वश्रेष्ठ धर्म है।''

Fake News: ये प्रस्ताव ''हिंदू विरोधी कट्टरता'' से जुड़ा है. इसमें हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ  नहीं कहा गया.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

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सच क्या है?: ये बात सच है कि जॉर्जिया में 17 मार्च को हिंदू धर्म से जुड़ा एक प्रस्ताव पारित किया गया है, लेकिन इस प्रस्ताव में ''हिंदूफोबिया और हिंदू विरोधी कट्टरता की निंदा'' की गई है.

  • इसमें ऐसा कहीं नहीं कहा गया है कि हिंदू धर्म दुनिया का "सबसे सहिष्णु" या "दुनिया का सबसे अच्छा धर्म" है. हालांकि, ये जरूर कहा गया है कि ये एक ऐसा धर्म है जो ''स्वीकृति, आपस में सम्मान और शांति'' के मूल्यों का प्रचार करता है.

  • इस प्रस्ताव जॉर्जिया के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ( प्रतिनिधि सभा) ने पारित किया है. जिन्होंने "हिंदूफोबिया, हिंदू विरोधी कट्टरता और असहिष्णुता" की निंदी की और कहा कि वो उस विविधता का स्वागत करते हैं जो अमेरिकी हिंदू देश में लेकर आए हैं.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने जरूरी कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर हिंदू धर्म और अमेरिका के जॉर्जिया से संबंधित न्यूज रिपोर्ट सर्च कीं.

  • हमें यहां ऐसी कोई रिपोर्ट मिलीं जिनमें बताया गया था कि जॉर्जिया, हिंदूफोबिया की निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित करने वाला पहला अमेरिकी राज्य है.

  • रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका के हिंदू समुदाय ने चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, शिक्षा और खुदरा व्यापार जैसे कई अलग-अलग क्षेत्रो में अहम योगदान दिया है.

  • कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) के अटलांटा चैप्टर ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया और 22 मार्च को हिंदू एडवोकेसी डे का आयोजन किया.

क्या कहता है प्रस्ताव?: द क्विंट को प्रस्ताव के डॉक्युमेंट मिले, जिन्हें जॉर्जिया राज्य की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था.

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  • प्रस्ताव में लिखा है कि ये "हिंदूफोबिया और हिंदू-विरोधी कट्टरता" की निंदा करता है.

  • इसमें हिंदू धर्म या सनातन धर्म को दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने धर्मों में से एक बताते हुए कहा गया है कि इस ''धर्म को मानने वाले 120 करोड़ से ज्यादा लोग'' हैं. और इस धर्म में ''स्वीकृति, आपसी सम्मान और शांति'' के मूल्य शामिल हैं.

Fake News: ये प्रस्ताव ''हिंदू विरोधी कट्टरता'' से जुड़ा है. इसमें हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ  नहीं कहा गया.

इस प्रस्ताव में हिंदू धर्म को सबसे अच्छा या सबसे सहिष्णु धर्म नहीं कहा गया.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/GeorgiaGeneral Assembly)

  • इसमें हिंदूफोबिया को "सनातन धर्म (हिंदू धर्म) और हिंदुओं के प्रति विरोधी, विनाशकारी और अपमानजनक व्यवहार के रूप में बताया गया है. और ये भी कहा गया है कि इस वजह से पूर्वाग्रह, डर या घृणा पैदा हो सकती है.''

  • Rutgers University की जुलाई 2022 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, इसमें ये भी बताया गया है कि सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेशों से हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए खतरे बढ़े हैं.

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  • डॉक्युमेंट में आगे ये भी लिखा है कि हिंदूफोबिया को उन कुछ लोगों ने बढ़ाया है, जिन्होंने ''हिंदू धर्म को खत्म करने'' को सपोर्ट करते हुए इसकी सांस्कृतिक प्रथाओं पर निशाना साधा है.

  • आखिर में बताया गया कि जॉर्जिया राज्य विधानमंडल में फोर्सिथ काउंटी के प्रतिनिधियों ने "हिंदूफोबिया, हिंदू-विरोधी कट्टरता और असहिष्णुता" की निंदा करता है.

निष्कर्ष: अमेरिका के जॉर्जिया में पारित प्रस्ताव में अमेरिका में बढ़ते हिंदूफोबिया पर बात की गई है न कि हिंदू धर्म को दुनिया का ''सबसे अच्छा और सबसे सहिष्णु'' धर्म बताया गया है.

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