सोशल मीडिया पर पुलिस के लाठीचार्ज और लोगों को भागते हुए दिखाता एक वीडियो शेयर हो रहा है. इसे शेयर कर अरबी भाषा में दावा किया गया है कि 'भारत सरकार कश्मीर में मुसलमानों के खिलाफ बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान की तैयारी कर रही है.'
इस वीडियो के बाद वाली क्लिप में एक बुजुर्ग Kashmir में हुई हिंसा के बारे में बात करता नजर आ रहा है.
हालांकि, वेबकूफ टीम ने पाया कि वीडियो 2019 का है और उत्तर प्रदेश का है. तब गोरखपुर में पुलिस और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध कर रहे लोगों के बीच संघर्ष हुआ था.
दावा
वीडियो को अरबी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसका अनुवाद ये है, ''भारत ने 'इस्लाम मानने वालों को छोड़कर' बाकी सभी धर्मों के लोगों से कश्मीर तुरंत छोड़ने के लिए कहा है, ताकि बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान किया जा सके. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि हमेशा की तरह ''आतंकवाद'' या ज्यादा साफ तौर पर कहें तो 'इस्लाम' के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. बड़ी संख्या में लोगों को मारने के लिए इंटरनेट और संचार के माध्यम बंद कर दिए गए हैं.''
इस दावे के साथ 'save Kashmir' और 'save Muslims' जैसे हैशटैग इस्तेमाल किए गए हैं.
पड़ताल में हमने क्या पाया
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID की मदद से वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और इनमें से हर एक फ्रेम पर Yandex का इस्तेमाल कर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें दिसंबर 2019 में यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
वीडियो के मुताबिक, पुलिस सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों की पिटाई कर रही है. इस वीडियो में 'मां वैष्णो स्टेशनर्स' नाम का एक दुकान का बोर्ड भी दिख रहा है.
हमने दुकान के बारे में पड़ताल करने पर पाया कि ये दुकान यूपी के गोरखपुर के नखास चौक में है. हमें इस दुकान की एक फोटो गूगल मैप्स पर भी मिली, जिसकी तुलना नीचे देखी जा सकती है.
वीडियो और दुकान की लोकेशन से संकेत लेकर, हमने घटना से जुड़ी रिपोर्ट देखने के लिए जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल किया. इससे हमें 'Dynamite News' नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. इस वीडियो में भी वैसी ही क्लिप थीं, जैसी वायरल वीडियो में दिख रही हैं.
इस वीडियो में हमें वायरल वीडियो में दिखने वाली एक दुकान जैसी ही दुकान दिखी, जिसके बोर्ड पर 'मंगला वेडिंग कलेक्शंस' लिखा था. जब हमने इसे सर्च किया तो हमें इसी नाम की एक दुकान गोरखपुर के पते पर मिली.
इसके बाद, हमने इन दोनों दुकानों के बीच की दूरी देखी और पाया कि दोनों दुकानें एक ही लेन में हैं. जिससे साबित होता है कि वीडियो गोरखपुर का ही है.
ये वीडियो 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम के कई विरोधों में से एक का है. देशभर में इसके विरोध में कई शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए थे, लेकिन यूपी में कुछ प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था, जिस वजह से लोगों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं.
इसके अलावा, दूसरी क्लिप जिसमें एक बुजुर्ग कश्मीर के बारे में बोलते दिख रहा है, वो भी पुराना वीडियो है और 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है.
हालांकि, हम स्वतंत्र रूप से वीडियो में दिख रहे शख्स और लोकेशन की पहचान नहीं कर पाए. लेकिन, पहला वीडियो गोरखपुर का है और दूसरा 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है.
मतलब साफ है कि पुराने वीडियो को शेयर कर ये गलत दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना कश्मीर में मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है.
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