इस हफ्ते सोशल मीडिया पर हल्द्वानी (Haldwani Violence) में हुई हिंसा, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (PM Nehru), संसद की कार्यवाही को लेकर अलग-अलग तरह के भ्रामक दावे वायरल किए. इनमें से कुछ दावे भ्रामक थे तो कुछ पूरी तरह से गलत थे. एक नजर में जानिए इन सभी भ्रामक दावों का सच.
हल्द्वानी में हुई हिंसा से जोड़कर हरिद्वार का पुराना वीडियो वायरल
एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक मस्जिद के पास भारी भीड़ जमा है. दावा किया जा रहा है कि यह उत्तराखंड के हलद्वानी का हालिया वीडियो है. दावे में यह भी कहा गया है कि 20 साल पहले हलद्वानी में मुस्लिम आबादी एक फीसदी थी, लेकिन अब यह बढ़कर करीब 20 फीसदी हो गई है.
यह वीडियो हल्द्वानी का नहीं है ना ही इसका हल्द्वानी में हुई हिंसा से कोई संबंध है. हरिद्वार में ईद की नमाज के लिए इकठ्ठा हुई भीड़ का एक पुराना वीडियो हल्द्वानी की हालिया क्लिप के रूप में शेयर किया जा रहा है.
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संसद में नेहरू को लेकर पीएम मोदी के दावे कितने सच?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में दिए अपने धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणियां कीं. पीएम मोदी ने लोकसभा में दावा किया कि नेहरू को लगता था कि भारतीय लोग आलसी हैं. मोदी ने आगे कहा कि नेहरू ने ये बात 1959 में स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कही थी.
नेहरू ने ये बात दुनिया के विकसित देशों से प्रेरित होने के संदर्भ में कही थी. गौर करने वाली बात ये भी है कि कि जो भाषण हमें मिला, उसमें कहीं भी 'आलसी' शब्द का इस्तेमाल नहीं हुआ था.
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गेम के विज्ञापन में चलाई गई सचिन तेंदुलकर की 'डीप फेक' वीडियो
सोशल मीडिया पर सचिन तेंदुलकर और टीवी एंकर का एक वीडियो विज्ञापन के तौर पर वायरल हो रहा है. इसमें टीवी एंकर और पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर एक ऑनलाइन गेम के बारे में बात करते दिख रहे हैं.
यह एक डीपफेक वीडियो है. सचिन तेंदुलकर ने ऐसे किसी ऑनलाइन गेम का समर्थन नहीं किया है. उन्होंने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साफ किया है कि एक ऑनलाइन गेम को 'प्रमोट' करने का उनका एक फर्जी वीडियो वायरल हो रहा है.
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तेजस्वी यादव के दिल्ली वाले घर की नहीं है यह फोटो
पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान 'नौकरी के बदले जमीन घोटाले' पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच जारी है. इस बीच सोशल मीडिया पर एक बड़े घर की तस्वीर शेयर की जा रही है.
फोटो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह लालू यादव के बेटे और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के दिल्ली वाले घर की तस्वीर है. दावा है कि इस घर की कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये थी, लेकिन इसे महज कुछ लाख में खरीदा गया था.
यह घर पूर्व RJD विधायक सैयद अबू दोजाना का है और इसे गलत तरीके से तेजस्वी यादव से जोड़ा जा रहा है.
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नाचते हुए असली हाथी की नहीं, एक आर्टिस्ट का है वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम का जश्न मना रहे लोगों की भीड़ के बीच सजे-धजे हाथी को नाचते हुए दिखाया गया है. कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया है कि "केवल सनातन संस्कृति ही जानवरों को खुश रख सकती है." मतलब दावा है कि एक हाथी ढोल की धुन पर नाच रहा है.
वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इसमें एक असली हाथी को खुशी से नाचते हुए दिखाया गया है. असल में यह वीडियो हाथी की ड्रेस में प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति का है.
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने किया बीजेपी के 400 पार नारे का समर्थन ?
सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़के के एक वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि वह आगामी चुनावों में लोकसभा की 545 में से 400 से ज्यादा सीटें हासिल करने के बीजेपी के नारे से सहमत हैं.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, बीजेपी उत्तर प्रदेश के आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट और बीजेपी पंजाब के महासचिव परमिंदर सिंह बराड़ समेत कई लोगों ने इस पोस्ट को शेयर किया है.
वायरल वीडियो में भाषण का अधूरा हिस्सा दिखाया गया है. असल में खड़गे ने तंजिया लहजे में बीजेपी का 400 पार वाला नारा दोहराने के कुछ वक्त बाद कहा था कि भाजपा आगामी चुनावों में "100 भी" सीटें नहीं जीत पाएगी.
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CBSE ने सिलेबस में शामिल किए डेटिंग से जुड़े चैप्टर ?
इंटरनेट पर दो स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपनी मूल्य शिक्षा पुस्तकों (value education books) में डेटिंग और रिलेशनशिप पर चैप्टर शुरू किए हैं.
यह दावा भ्रामक है. CBSE ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साफ किया कि यह किताब उनकी नहीं है, साथ ही यह भी बताया गया है कि इसे वास्तव में जी राम बुक्स (पी) लिमिटेड ने छापा है.
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