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Fact Check: नाचते हुए असली हाथी की नहीं, एक आर्टिस्ट का है वायरल वीडियो

Fact Check: कार्यक्रम के आयोजक ने क्विंट हिंदी को बताया कि वायरल वीडियो एक शख्स का है, जो हाथी की पोशाक में परफॉर्म कर रहा है.

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक कार्यक्रम का जश्न मना रहे लोगों की भीड़ के बीच सजे-धजे हाथी को नाचते हुए दिखाया गया है.

दावा: कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया है कि "केवल सनातन संस्कृति ही जानवरों को खुश रख सकती है." मतलब दावा है कि एक हाथी ढोल की धुन पर नाच रहा है.

Fact Check: कार्यक्रम के आयोजक ने क्विंट हिंदी को बताया कि वायरल वीडियो एक शख्स का है, जो हाथी की पोशाक में परफॉर्म कर रहा है.

इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(सोर्स: X (पूर्व में ट्विटर)/स्क्रीनशॉट)

इसे किसने शेयर किया?: मीडिया संगठनों न्यूज 24 हिंदी, ABP न्यूज और लोकसत्ता ने वायरल वीडियो पर आर्टिकल छापे हैं. जिसमें संगीत के साथ डांस करते हुए "शाही हाथी" पर चर्चा की गई.

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Fact Check: कार्यक्रम के आयोजक ने क्विंट हिंदी को बताया कि वायरल वीडियो एक शख्स का है, जो हाथी की पोशाक में परफॉर्म कर रहा है.

न्यूज 24 हिंदी ने यह वीडियो अपनी वेबसाइट पर छापा है.

(सोर्स: News24 हिंदी/स्क्रीनशॉट)

Fact Check: कार्यक्रम के आयोजक ने क्विंट हिंदी को बताया कि वायरल वीडियो एक शख्स का है, जो हाथी की पोशाक में परफॉर्म कर रहा है.

मराठी समाचार संगठन लोकसत्ता ने भी वायरल वीडियो के बारे में एक आर्टिकल छापा था.

(सोर्स: लोकसत्ता/स्क्रीनशॉट)

क्या यह सच है?: नहीं, 'नाचता हाथी' असल में हाथी की ड्रेस पहने हुए एक व्यक्ति है.

जिस कार्यक्रम में इस 'हाथी' ने प्रदर्शन किया था, उसके आयोजक एलेवेन्ज कडावल्लुर ने पुष्टि की है कि हाथी असली नहीं था और यह हाथी की पोशाक पहने हुए एक व्यक्ति था.

हमनें सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो में हमने देखा कि हाथी की पीठ पर सफेद कपड़ा और उसके ऊपर लगे बैनर पर 'इलेवेंज' लिखा है.

वीडियो में दिख रहे दुकान के बोर्ड मलयालम में हैं, जिससे पता चलता है कि वीडियो केरल का हो सकता है.

Fact Check: कार्यक्रम के आयोजक ने क्विंट हिंदी को बताया कि वायरल वीडियो एक शख्स का है, जो हाथी की पोशाक में परफॉर्म कर रहा है.

हमने मलयालम में बोर्ड और बैनरों पर 'इलेवेंज' शब्द देखा.

(सोर्स: X/altered by the quint)

हमने इस वीडियो को कीफ्रेम में बांटने के लिए InVID टूल का इस्तेमाल किया और फिर उन फ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल किया. InVID एक वीडियो वेरिफिकेशन टूल है.

गूगल लेंस की मदद से हम एक ऐसी इंस्टाग्राम रील तक पहुंचे जिसे 'Anil Arts' और 'Elevenz Kadavallur' ने साथ मिलकर पोस्ट किया था.

क्विंट हिंदी ने इंस्टाग्राम पर Elevenz से संपर्क किया जहां हमारी बात अनस से हुई, जो इस क्लब के सदस्य है और साथ ही उनके सोशल मीडिया को भी संभालते हैं. उन्होंने पुष्टि की कि हाथी असली नहीं था.

  • हमें पता चला कि 'हाथी' असली नहीं था बल्कि हाथी की ड्रेस पहने हुए एक व्यक्ति था.

  • इसे एक आर्ट ग्रुप अनिल आर्ट्स ने "मूल मंदिर उत्सव" के लिए बनाया गया था, जिसे पूरम के नाम से जाना जाता है, जो 21 और 22 जनवरी को मनाया जाता है.

अनस ने हमें बताया कि Elevenz कडावल्लूर केरल के त्रिशूर जिले के एक शहर कडवल्लूर में स्थित एक सामाजिक क्लब है, जिसकी स्थापना 2011 में हुई थी और यह पूरम में हिस्सा लेता रहा है.

अधिक दृश्य: हमें क्लब और अनिल आर्ट्स के अकाउंट पर 'हाथी' के और भी वीडियो मिले. उनमें से कुछ आप नीचे और कुछ यहां, यहां और यहां दिए गए लिंक पर देख सकते हैं.

निष्कर्ष: वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इसमें एक असली हाथी को खुशी से नाचते हुए दिखाया गया है. असल में यह वीडियो हाथी की ड्रेस में प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति का है.

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