सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मैसेज में ये दावा किया जा रहा है कि UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में Islamic Studies सब्जेक्ट के जरिए IAS बना जा सकता है. मैसेज में ये सवाल उठाया जा रहा है कि जब इस्लामिक स्टडीज के जरिए IAS बना जा सकता है तो फिर रामायाण और गीता को भी सिलेबस में शामिल क्यों नहीं किया जाता.
हालांकि, हमारी पड़ताल में सामने आया कि ये दावा भ्रामक है. UPSC की IAS परीक्षा के लिए आयोग की तरफ से ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की जो लिस्ट जारी की जाती है, उसमें इस्लामिक स्टडीज का नाम है ही नहीं.
दावा
वायरल हो रहा मैसेज है - अगर "इस्लामिक स्टडी से IAS" बना जा सकता है
तो स्टडी ऑफ रामायण, गीता, उपनिषद को भी UPSC की परीक्षा में शामिल किया जाए सनातन धर्म से इतनी नफरत क्यों..??
पड़ताल में हमने क्या पाया
केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मार्च 2021 में सिविल सर्विसेज (IAS) परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था. इस नोटिफिकेशन में हमने ऑप्शनल सब्जेक्ट्स की लिस्ट चेक की. लिस्ट में इस्लामिक स्टडीज का नाम नहीं है.
छात्रों को लंबे समय से IAS परीक्षा के लिए प्रशिक्षित कर रहे और सिविल सर्विसेज क्लब के संस्थापक लक्ष्मी शरण मिश्रा से भी हमने संपर्क किया. क्विंट से बातचीत में उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि IAS परीक्षा के सिलेबस में इस्लामिक स्टडीज नहीं है.
UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा के सिलेबस में इस्लामिक स्टडीज नाम का कोई सब्जेक्ट नहीं है. यहां तक की उर्दू लिट्रेचर के सिलेबस में भी 'इस्लामिक स्टडीज' नाम की कोई यूनिट नहीं. सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा झूठा है कि इस्लामिक स्टडीज सब्जेक्ट के जरिए लोग IAS बन रहे हैं.लक्ष्मी शरण मिश्रा, संस्थापक, सिविल सर्विसेज क्लब
क्या होते हैं ऑप्शनल सब्जेक्ट ?
UPSC की सिविल सर्विसेज (IAS) परीक्षा में दो चरण होते हैं. पहला चरण प्रीलिम्स और दूसरा चरण मेन्स. पहले चरण के सिलेबस में जनरल अवेयरनेस, हिस्ट्री, इकनॉमिक एंड सोशल डेवलपमेंट,क्लाइमेट चेंज, लॉजिकल रीजनिंग, इंडियन पॉलिटी, रीडिंग कॉम्प्रिहेन्शन, ज्योग्राफी, विषय होते हैं. वहीं दूसरे चरण यानी मेन्स के सिलेबस में कुल 7 विषय होते हैं. पांच विषय सभी कैंडिडेट्स के लिए अनिवार्य होते हैं. जबकि छठा और 7वां विषय चुनने की छूट कैंडिडेट के पास होती है. इसी को ऑप्शनल सब्जेक्ट कहा जाता है.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर गलत नैरेटिव सेट करने के लिए ये झूठा दावा किया जा रहा है कि इस्लामिक स्टडीज के जरिए लोग IAS बन रहे हैं.
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