सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें आसामान में कुछ लाइटें दिख रही हैं और उन्हें देखकर लोग चिल्लाते नजर आ रहे हैं.
क्या है दावा?: ये वीडियो शेयर कर कई यूजर्स ने दावा किया है कि इजरायल (Israel) के यरुशलम में आसमान में 'फरिश्ते' उड़ते दिख रहे हैं.
वीडियो में एक शख्स को ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''हलेलुइया, जीसस''
सच क्या है?: ये वीडियो यरुशलम का नहीं है. वीडियो अमेरिका के इंडियाना में मंसी का है.
ये वीडियो सबसे पहले 20 अक्टूबर को शेयर किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये वीडियो बॉल स्टेट यूनिवर्सिटी होमकमिंग इवेंट की स्पॉटलाइट दिखाता है. ये वीडियो होमकमिंग इवेंट होने के एक रात पहले का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल वीडियो के कुछ फ्रेम पर हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली. इससे हमें Ed Krassenstein नाम के एक X यूजर की पोस्ट मिली. इसमें वीडियो से जुड़ी जानकारी दी गई थी.
यूजर ने लिखा था कि ''हैलोवीन: सेलेस्टियल ओरिजिन्स'' प्लैनेटोरियम शो को बॉल स्टेट यूनिवर्सिटी में आयोजित किया गया था. साथ ही, ये भी बताया था कि ये वीडियो यूनिवर्सिटी के पास मौजूद सड़क के पास ही शूट किया गया था, जहां पर इस शो का आयोजन किया गया था.
इस पोस्ट से क्लू लेकर, हमने इस इवेंट से जुड़ी रिपोर्ट्स चेक कीं. हमें मिशिगन के रेडियो चैनल WKFR 103.3 की एक रिपोर्ट मिली. इसमें ये भी कहा गया है कि ये लाइटें बॉल स्टेट यूनिवर्सिटी होमकमिंग इवेंट की 'स्पॉटलाइट' हो सकती हैं, जो इस इवेंट के एक रात पहले आयोजित किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस वीडियो को Marilyn Smith नाम के एक फेसबुक यूजर ने 21 अक्टूबर को शेयर किया था.
हमने यूजर की प्रोफाइल में जाकर इस वीडियो में आए कमेंट देखे. इससे हमें उस लोकेशन का पता चला जहां ये वीडियो शूट किया गया था. ये जगह चैरियट्स ऑफ फायर, 700 साउथ मैडिसन है जो इंडियाना के मंसी में मौजूद है.
हमने वायरल वीडियो के एक फ्रेम से गूगल स्ट्रीट व्यू में मौजूद विजुअल को मिलाया तो कई समानताएं मिलीं.
ये समानताएं देखने के लिए स्वाइप करें
बॉल स्टेट के स्टूडेंट की ओर से चलाए जाने वाले टीवी ऑर्गनाइजेशन Newslink Indiana के मुताबिक, हैलोवीन सेलेस्टियल ओरिजिन्स प्लैनेटोरियम शो 30 सितंबर, 7, 8, 28 और 29 अक्टूबर को किया गया था.
हमने यूनिवर्सिटी के होमकमिंग इवेंट की तारीखें भी देखीं. रेडियो चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये 16 और 21 अक्टूबर के बीच आयोजित किया गया था.
हालांकि, हम इसकी पुष्टि स्वतंत्र रूप से नहीं कर पाए कि आसामान में लाइटों का सोर्स क्या था.
निष्कर्ष: ये लाइटें आसमान में कैसे दिख रही थीं, हमें इसके बारे में तो पता नहीं लगा पाए, लेकिन ये दावा गलत है कि 'यरुशलम में फरिश्ते' दिखे हैं. क्योंकि ये वीडियो अमेरिका का है.
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