रामनवमी पूजा को लेकर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा के बीच सोशल मीडिया पर एक घायल छात्रा की दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं. छात्रा का नाम अख्तरिस्ता है. पहली तस्वीर में अख्तिरिस्ता को लगी चोट दिख रही है. तो वहीं दूसरी तस्वीर में वो एक अन्य छात्रा को संभालती दिख रही हैं, लेकिन उनके सिर में चोट नहीं है.
दोनों तस्वीरों को शेयर कर ये साबित करने की कोशिश हो रही है कि छात्रा ने पहले तस्वीर में खुद को लगी चोट दिखाई, फिर कुछ देर बाद देखा जा सकता है कि दूसरी तस्वीर में उसकी चोट गायब हो गई.
हमारी पड़ताल में सामने आया कि इन दो तस्वीरों के आधार पर फैलाया जा रहा नैरेटिव सही नहीं है. वायरल हो रही चोटिल छात्रा की तस्वीर उस तस्वीर के बाद ली गई थी, जिसमें वो सामान्य स्थिति में दिख रही है.
क्विंट से बातचीत में अख्तरिस्ता के साथ दिख रही मधुरिमा कुंडूर ने कहा कि घायल दिख रही अख्तिरिस्ता की तस्वीर उस तस्वीर के बाद ली गई जिसमें मधुरिमा बेहोंश दिख रही हैं. जबकि सोशल मीडिया पर ये साबित करने की कोशिश हो रही है कि घायल अख्तिरिस्ता की तस्वीर पहले की है.
दावे के साथ इस नैरेटिव को बढ़ावा देते #JNU_बंद_करो जैसे हैशटेग भी ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं. 2020 में भी जेएनयू हिंसा के बाद ऐसा ही नैरेटिव देखने को मिला था. जब ये झूठा दावा किया गया था कि छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने हाथ में चोट लगे होने का नाटक किया.
दावा
कई यूजर्स ने फोटो को शेयर कर दावा किया कि जेएनयू की छात्रा ने चोट लगने का नाटक किया.
पड़ताल में हमने क्या पाया?
हमने जेएनयू हिंसा से जुड़ी ऐसी रिपोर्ट्स खंगालनी शुरू कीं, जिनमें वायरल फोटो में दिख रही चोटिल छात्रा के बारे में और जानकारी पता चल सके. हमें बिजनेस स्टैंडर्ड की 10 अप्रैल की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल हो रही दूसरी तस्वीर है, जिसमें ग्रे रंग का टॉप पहने दिख रही छात्रा एक दूसरी छात्रा को संभालती दिख रही है.
इसी फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि छात्रा की चोट इसमें गायब है. रिपोर्ट में फोटो का सोर्स न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया गया है. यहां से हमें ये भी पता चला कि फोटो में दिख रही छात्रा का नाम अख्तरिस्ता अंसारी है.
CPIML नेता कविता कृष्णन के ट्वीट से हमें क्लू मिला की तस्वीर में अख्तरिस्ता के साथ दिख रही छात्रा मधुरिमा कुंडूर हैं. अब हमने मधुरिमा कुंडूर से संपर्क किया.
मधुरिमा ने क्विंट को बताया कि वो तस्वीर पहले ली गई थी जिसमें वो बेहोश दिख रही हैं. वहीं जिस तस्वीर में अख्तरिस्ता घायल दिख रही हैं, वो बाद में ली गई.
एबीवीपी के छात्रों ने पहले मुझे लात और चांटों से मारा, जिस वजह से मैं कुछ देर के लिए बेहोश हो गयी थी. बाकी लोगों ने मेरे ऊपर पानी छिड़का, तब मेरी हालत थोड़ी ठीक हुई. उसके बाद हम सभी लोग कावेरी हॉस्टल के बाहर जाने की कोशिश करने लगे. तभी अचानक ABVP के छात्रों ने हमला किया, जिस वजह से अख्तरिस्ता को भयंकर चोट लग गई और उसके सर से खून बहना शुरू हो गया. उस वक़्त मैं अपनी जिस भी स्थिति में थी, हमने सबकी मदद की और किसी तरह वहां से बाहर निकले. अब एजेंडा फैलाया जा रहा है कि हम चोट लगने का बहाना कर रहे हैं. जिसको भी ऐसा लगता है आए और सारी रिपोर्ट और घाव के गहरे निशान देख ले. ये दोनों ही तस्वीरें लगभग 20 मिनट के अंतराल की हैंतस्वीर में अख्तरिस्ता के साथ नीले रंग के कपड़ों में दिख रही मधुरिमा कुंडूर का बयान
फोन में मौजूद डिटेल्स बता रहीं, चोट वाली तस्वीर बाद में ली गई
मोबाइल के कैमरे से कोई भी फोटो क्लिक करने पर उसका सारा विवरण मोबाइल में होता है, इसे मेटा डिटेल्स कहते हैं. खासकर फोटो खींचने की तारीख और वक्त मेटा डिटेल्स से पता चल जाता है. मधुरिमा ने इन तस्वीरों के उस विवरण का स्क्रीनशॉट भी हमें भेजा. जिससे साफ हो रहा है कि वो तस्वीर 6 मिनट बाद ली गई थी, जिसमें अख्तिरिस्ता चोटिल दिख रही हैं.
वह तस्वीर, जिसमें मधुरिमा बेहोश और अख्तरिस्ता उन्हें संभालती दिख रही हैं, मोबाइल में मौजूद डिटेल्स के मुताबिक वो 10 अप्रैल रात 8:15 बजे ली गई.
वह तस्वीर जिसमें अख्तरिस्ता घायल दिख रही हैं, वो 8:21 बजे ली गई. साफ है कि ये तस्वीर बाद की है.
फोन में मौजूद दोनों तस्वीरों की टाइमिंग से जुड़ी डिटेल्स देखने पर तो ये स्पष्ट हो रहा है कि बेहोश मधुरिमा की तस्वीर घायल अख्तरिस्ता की तस्वीर से 6 मिनट पहले ली गई.
घटना के अगले दिन यानी आज 11 अप्रैल को अख्तरिस्ता ने मीडिया को इंटरव्यू दिए हैं. जिसमें देखा जा सकता है कि उनके सिर में चोट और पट्टी लगी है.
सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा सच नहीं है कि वायरल हो रही तस्वीर में घायल दिख रही छात्रा की चोट अगली तस्वीर में ठीक हो गई. असल में जिस तस्वीर को बाद का बताया जा रहा है वो अख्तरिस्ता के घायल होने से पहले ली गई थी.
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