दिल्ली में हाल में ही संपन्न हुए G20 समिट के दौरान का बताकर एक धार्मिक जुलूस के वीडियो को झूठे दावे से शेयर करने से लेकर हरियाणा (Haryana) में एक दूसरे धार्मिक जुलूस में हुए विवाद के वीडियो को झूठा सांप्रदायिक एंगल देने तक, इस हफ्ते सोशल मीडिया पर कई झूठे दावे वायरल हुए.
क्विंट हिंदी की वेबकूफ टीम ने ऐसे तमाम झूठे और गलत दावों की पड़ताल कर उनका सच आपको बताया. ऐसे कई दावों की पड़ताल यहां एक जगह एक साथ पढ़िए.
दिल्ली में चेहल्लुम जुलूस का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल
दिल्ली में एक धार्मिक जुलूस का वीडियो शेयर कर ये दावा किया गया कि G20 के दौरान जहां जन्माष्टमी की रैली निकालने के लिए मना किया गया, वहीं मुस्लिमों ने धारा 144 लागू होने के बावजूद जुलूस निकाला और 'सांप्रदायिक नारेबाजी की'.
पड़ताल में हमने पाया कि वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है. ये वीडियो G20 शिखर सम्मेलन से पहले का है. ये वीडियो दिल्ली का है और 6 सितंबर का है, जिसमें शिया मुस्लिम समुदाय का चेहल्लुम जुलूस देखा जा सकता है.
इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने भी पोस्ट कर बताया कि ये दावा झूठा है और इस जुलूस का G20 शिखर सम्मेलन से कोई संबंध नहीं है.
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हरियाणा: युवक के हाथ से धार्मिक झंडा लेने के वीडियो को दिया गया झूठा सांप्रदायिक एंगल
सोशल मीडिया पर शोभायात्रा निकालते लोगों का एक वीडियो शेयर किया गया. वीडियो में एक शख्स को भीड़ के बीच आकर एक लड़के के हाथ से झंडा छीनते और फिर दो पक्षों में विवाद होते दिख रहा है.
ये वीडियो शेयर कर दावा किया गया कि हरियाणा के एक गांव में मुस्लिमों ने हिंदुओं की शोभायात्रा के दौरान धार्मिक झंडा छीना और हमला किया.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो हरियाणा के पानीपत में मौजूद सनौली गांव का है. जहां जन्माष्टमी के दौरान निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान बजरंग दल के कुछ लोग झंडा लेकर धार्मिक नारा लगाने लगे.
गांव के सरपंच ने झगड़े का अंदेशा देखते हुए वो झंडा ले लिया था. खुद सरपंच ने हमें बताया कि किसी भी तरह का सांप्रदायिक झगड़ा न हो, इसलिए उन्होंने ये कदम उठाया. मामले में हिंदू- मुस्लिम एंगल नहीं है.
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मां को जबरदस्ती वृद्धाश्रम छोड़ते 'बेटा-बहू' का वीडियो असली नहीं
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक युवक-युवती एक महिला को ले जाते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि महिला उनकी मां है और वो उसे जबरन वृद्धाश्रम भेज रहे हैं. इस वीडियो को असली घटना का बताकर शेयर किया जा रहा है.
पड़ताल में हमने पाया कि वायरल वीडियो असली नहीं बल्कि स्क्रिप्टेड है, जो कि जागरुकता के उद्देश्य से बनाया गया है. वीडियो को सबसे पहले शेयर करने वाले फेसबुक पेज पर वही कलाकार दूसरे वीडियोज में देखे जा सकते हैं, जो इस वीडियो में हैं.
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कर्नाटक सरकार की वाहन सब्सिडी पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' वाले झूठे दावे का सच
सोशल मीडिया पर कर्नाटक सरकार की 'ऑटोमोबाइल सब्सिडी' योजना से जुड़ी अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य में ऑटो रिक्शा और टैक्सी में इस योजना के तहत सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों को सब्सिडी देगी.
पड़ताल में हमने पाया कि योजना के तहत टैक्सी, रिक्शा आदि पर सब्सिडी सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को दी जानी है. इसमें सिख, ईसाई, मुस्लिम, पारसी, जैन और बुद्ध समुदाय शामिल हैं.
और ऐसा नहीं है कि ये योजना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ही आई है. कर्नाटक में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी ऐसी ही एक योजना थी.
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यूरोप के खाली चर्च में हिंदू मंदिर की स्थापना का नहीं ये वीडियो
मंदिर के उद्घाटन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर यूरोप का बताकर शेयर किया जा रहा है. दावा है कि वहां के एक खाली चर्च में मंदिर की स्थापना कर दी गई.
पड़ताल में हमने पाया कि ये वीडियो अमेरिका के एलमिरा राज्य का है और इसमें परानित्या नरसिम्हा मंदिर का उद्घाटन होता दिख रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नवंबर 2021 में अमेरिका के इस शहर में चर्च Our Lady of Lourdes और एक अन्य चर्च को बंद कर दिया गया था.
दोनों चर्चों में बहुत ज्यादा मरम्मत की जरूरत थी, जो बजट से बाहर जा रहा था. Our Lady of Lourdes चर्च को बाद में भक्ति मार्ग संगठन को बेच दिया गया.
मंदिर का उद्घाटन न्यूयॉर्क के एलमिरा में एक चर्च के बिकने के बाद हुआ. ये वीडियो यूरोप का नहीं है.
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